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Ujjain News: महाकालेश्वर को बांधी गई राखी, सवा लाख लड्डुओं का चढ़ा महाभोग

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में हर साल रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। यह अनूठी परंपरा कई सालों से चली जा रही है। इस क्रम में इस साल भी बाबा महाकाल के दरबार में रक्षाबंधन मनाया गया है। महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले बाबा महाकाल को राखी बांधी गई है। इसके अलावा सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया है। पंडित और पुरोहित परिवार ने भगवान महाकाल को राखी बांधकर विश्व शांति और कल्याण की कामना की है।

राखी बांधकर विश्व शांति की कामना

जहां एक और रक्षाबंधन पर बाबा महाकाल को सवा लाख लड्डूओ का महाभोग लगाया गया वही पुजारी परिवार की महिलाओ द्वारा श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर भस्मआरती के पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में राजाधिराज महाकाल को राखी बांधकर विश्व की रक्षा की कामना भी की है।

महाकाल को राखी बांधने के बाद भाई को बांधती है राखी

महाकाल को राखी बांधने के लिए पुजारी परिवार की महिलाएं देर रात 2 बजे ही मंदिर पहुंच जाती हैं। वे राखी बांधने तक मंत्रोच्चार करती हैं। राखी बांधने के बाद महाकाल से मिले प्रसाद से ये महिलाएं व्रत खोलती हैं। इसके बाद परिवार के भाइयों को राखी बांधी जाती है।

बाबा के प्रसाद से ही व्रत खोलती हैं बहनें

जो पुजारी श्रावण के दिनों में बाबा की भस्म आरती करते हैं, उन्हीं के परिवार की महिलाएं व बहनें राखी बांधने बाबा के कक्ष में जाती हैं। यह महिलाएं बाबा का मंगलगान कर उन्हें राखी बांधती है। और फिर बाबा के प्रसाद से ही यह व्रत खोलती हैं। यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है।

सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया

महिलाओं ने बुधवार को भगवान महाकाल को राखी बांधी। इसके बाद भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया और आरती की। आरती के बाद महाप्रसादी का वितरण शुरू किया गया. जो दिनभर चलेगा।

क्या है पंडितों का कहना?

पंडितों का कहना है कि भोलेनाथ के जो भक्त सावन के पूरे महीने में उपवास रखते हैं, वे रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद ग्रहण करने के बाद उपवास खोलते हैं। इसीलिए रक्षाबंधन के पूरे दिन बाबा के भक्तों को पूरे दिन महाप्रसादी का वितरण होता है। परंपरा के अनुसार, सवा लाख लड्डुओं का भोग भस्म आरती करने वाला पुजारी परिवार लगाता है।


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