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Virat Kohli Retirement: विराट ने क्यों लिया संन्यास क्या गौतम गंभीर है इसके पीछे बड़ी वजह !

 

विराट कोहली और रोहित शर्मा इन दोनों ने भले ही साथ में डेब्यू ना किया हो। पर ये दोनों साथ में ही संन्यास लेंगे या फिर ये कहें कि रिटायरमेंट लेंगे यह प्लान शायद उन्होंने पहले ही बना लिया है। जी हां फिर चाहे T20 क्रिकेट में 29 जून का पिछले साल हुआ वो फाइनल हो या फिर टेस्ट क्रिकेट दोनों ने लगभग एक साथ क्रिकेट को अलविदा कहा है। जहां पर T20 क्रिकेट में तो दोनों ने एक साथ वर्ल्ड कप जीतते ही संन्यास का ऐलान कर दिया था और अब टेस्ट क्रिकेट में भी ऐसा ही हुआ है जहां पर रोहित शर्मा ने आज से ठीक 5 दिन पहले 7 मई को इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी लगाकर टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था तो वहीं विराट कोहली ने भी उसी राह पर चलते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट करके अपने टेस्ट करियर पर पूर्ण विराम लगा दिया।

पर अब सवाल खड़ा ये होता है कि आखिर अचानक से विराट कोहली ने रिटायरमेंट लिया ही क्यों क्या इसके पीछे कोई प्लान है या कोई शख्स या खुद उनकी खराब फॉर्म जिसके चलते उन्होंने इंग्लैंड सीरीज के पहले ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। तो आपको बता दें कि शायद ये तीनों ही वजह हो सकती हैं। पर अब आप सोच रहे होंगे कि वो कैसे ?

विराट ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद थे उदास

तो इसके लिए आपको आज से कुछ समय पीछे ले चलते हैं। जहां पर टीम इण्डिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावास्कर ट्रॉफी में 3-1 से बुरी तरह से हारकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से बाहर हो जाती है। जिसके बाद इस IPL 2025 से पहले  विराट कोहली खुद इंटरव्यू देते हुए ये कहते हैं कि उस ऑस्ट्रलिया सीरीज के बाद मैं बहुत उदास था। जिसका सबसे बड़ा कारण ये होता है कि पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट में वो शतक लगाते हैं। पर इसके बाद वो पूरी सीरीज कोहली के लिए एक बुरा सपना साबित होती है। उसके बाद अगली सात पारियों में विराट महज 7,11,3,36,5,17,6 इन स्कोर के साथ कुल 85 रन बना पाते हैं और शायद हो सकता है कि उन्होंने तभी मन बना लिया हो। की वो अब आगे लाल गेंद से नहीं खेलेंगे।

क्या गौतम गंभीर हैं वजह ?

पर इसके बाद दूसरी तरफ सबकी निगाहें जिस एक सख्स पर हैं वो गौतम गंभीर हैं। जी हां क्योंकि जबसे ही गौतम गंभीर कोच बने हैं। भारतीय टीम में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जिसमें हाल ही रिपोर्टस में शुभमन गिल को कप्तान बनाने का फैसला सबसे बड़ा है। जहां पर पहले ऋषभ पंत को टेस्ट कप्तानी का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। तो वहीं ऐसा बताया जा रहा है कि गंभीर ने गिल का नाम आगे सुझाया है। खैर विराट के मुद्दे पर दोबारा आएं तो आपको बता दें कि गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए आखिरी टेस्ट गंभीर से रोहित और विराट के भविष्य पर सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा था कि

 "यह उन पर भी निर्भर करता है। लेकिन हां, मैं यह कह सकता हूं कि उनमें अभी भी भूख है। उनमें अभी भी जुनून है। वे मजबूत लोग हैं। और उम्मीद है कि वे भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सकेंगे। लेकिन आखिरकार, जैसा कि हम सभी जानते हैं, वे जो भी योजना बनाते हैं, वह भारतीय क्रिकेट के सर्वोत्तम हित के लिए होगी।"

अब अगर इसे आप ध्यान से पढेंगे तो एक चीज समझ आएगी कि आखिरी की जो लाइन है। वो ये है कि जो भी योजना बनाते हैं, वह भारतीय क्रिकेट के सर्वोत्तम हित के लिए होगी। यानि बातो ही बातो में ये बता दिया कि वह दोनों ही भारतीय टीम को आगे रखकर ही फैसला लेंगे मतलब दोनों के लिए वो संन्यास का इशारा था कि आपका संन्यास लेना ही टीम के हित में हैं।  साथ ही आपको बता दें कि ये सिर्फ एकमात्र वजह नहीं है इसके अलावा जिस तरह गौतम गंभीर का टीम इंडिया का कोच बनने से पहले विराट और गंभीर के आपसी विवाद थे। जिसके चलते शायद गंभीर सीनियर खिलाड़ियों पर कुछ ज्यादा निशाना साधते हुए नजर आते हैं। वो भी एक बड़ा कारण हो सकता है।

विराट करेंगे 2027 वर्ल्डकप की तैयारी !

अब इसके अलावा जो एकमात्र बड़ा कारण है वो ये कि क्या उनका कोई प्लान था। तो जी हां शायद वो भी एक वजह हो सकता है। कि हो सकता है विराट अब यहां टेस्ट क्रिकेट में संन्यास के बाद 2027 में होने वाले वनडे विश्वकप की तैयारी कर सकते है। क्योंकि टी20 क्रिकेट से वो पहले ही संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में अब उनके सामने महज एक फॉर्मेट ही बचता है और वो वनडे क्रिकेट है। तो विराट कोहली अब वनडे में जब मैदान पर उतरेंगे तो देखने वाली बात होगी। कि मैदान पर वो फील्डिंग और बल्लेबाजी करते हुए कैसे नजर आते हैं और 2027 में होने वाले वर्ल्डकप को जीतकर ही क्या वो क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कहेंगे।

कैसा रहा टेस्ट करियर ?

तो बहरहाल ये तो हुई उनके संन्यास कि बात पर अब अगर विराट के टेस्ट करियर पर नजर डालें तो 2011 में टेस्ट डेब्यू के बाद से विराट कोहली ने 123 मैचों में 46.9 की औसत से 9230 रन बनाए। जहां पर उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में वो सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले खिलाड़ी भी हैं। पर इन सबके अलावा आपको बताते चलें कि विराट कोहली ने 2012 के बाद से जब टेस्ट क्रिकेट खतरे में जा रहा था। दुनिया सिर्फ टी20 की तरफ बढ़ रही थी। तो उस समय विराट कोहली ने अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों से ही टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखा। और दोबारा से दुनिया को मजबूर किया टेस्ट क्रिकेट देखने के लिए। जो बताता है कि क्या था और क्या है वो महान खिलाड़ी.


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