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Health Tips : ये 5 हेल्थ टिप्स, जो आपको हमेशा स्वस्थ रखेंगी

Lucknow Desk : शरीर का सिर्फ बाहर से अच्छा दिखना नहीं होता। उसे अंदर से भी फीट होना चाहिए। इसके लिए हम आज आपको कुछ ख़ास टिप्स के बारे में बताएँगे। हमने ऐसे कई लोगों के बारे में सुना, जो फिट लगते थे। देखने में ताकतवर। उनके शरीर में मांसपेशियों की मछलियां भी दिखाई देती थीं, लेकिन वे अचानक हार्ट अटैक या दूसरी बीमारियों की चपेट में आ गए। कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें हमने डिप्रेशन का शिकार होते हुए देखा। साफ़ है कि हमारे लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखना ज़रूरी है। लेकिन, जीवन में अगर आप सचमुच आनंद चाहते हैं, तो आपको अपनी आध्यात्मिक यानी आत्मा की सेहत पर भी काम करना होगा। सारा खेल संतुलन का है। शरीर, मन और आत्मा की शक्तियों के बीच संतुलन बनाकर आप अपने जीवन में संभावनाओं के हज़ार द्वार खोल सकते हैं। 

शरीर को नींद नहीं, आराम दें
आप सोने किस वक्त जाते हैं, यह तो आपके लाइफ स्टाइल पर निर्भर करता है, लेकिन महत्व इस बात का है कि आपको कितने घंटे की नींद की जरूरत है। अकसर कहा जाता है कि दिन में आठ घंटे की नींद लेनी ही चाहिए। आपके शरीर को जिस चीज की जरूरत है, वह नींद नहीं है, वह आराम है। अगर आप पूरे दिन अपने शरीर को आराम दें, अगर आपका काम, आपकी एक्सरसाइज सब कुछ आपके लिए एक आराम की तरह हैं तो अपने आप ही आपकी नींद के घंटे कम हो जाएंगे। लोग हर चीज तनाव में करना चाहते हैं। मैंने देखा है कि लोग पार्क में टहलते वक्त भी तनाव में होते हैं। अब इस तरह का व्यायाम तो आपको फायदे की बजाय नुकसान ही करेगा, क्योंकि आप हर चीज को इस तरह से ले रहे हैं जैसे कोई जंग लड़ रहे हों। आप आराम के साथ क्यों नहीं टहलते? चाहे टहलना हो या जॉगिंग, उसे पूरी मस्ती और आराम के साथ क्यों नहीं कर सकते?

भोजन की क्वॉलिटी और क्वांटिटी पर रखें नज़र
भोजन को लेकर एक बात शुरू में ही जान लें। कम भोजन आपको ऊर्जा देता है, आपको स्फूर्ति से भरता है। वहीं, ज़्यादा भोजन आपकी ऊर्जा लेता है और आपको आलसी बनाता है। आपने अपने ही अनुभव से अब तक जान लिया होगा कि जब भी ज़रूरत से ज़्यादा खाया है, तब आपका मन लेटने का किया या भोजन करने के बाद मीठा खाने की जबरदस्त तलब हुई। ज़्यादा भोजन करने पर शरीर को उसे पचाने के लिए और ऊर्जा की ज़रूरत होती है, इसलिए वह आपमें मीठे की तलब पैदा करता है कि आप मीठा खाओ और उसे भोजन पचाने की ऊर्जा मिले।

योग में तीन चौथाई पेट ही भोजन करने को कहा गया है। एक चौथाई पेट खाली रहे, तो भोजन ठीक से पच जाता है। भोजन की क्वॉलिटी पर भी ध्यान रखने की ज़रूरत है। आप जितना चिकना भोजन करेंगे, उसे पचाने में उतना ही श्रम लगेगा। इसलिए गेहूं के बजाय मोटे अनाज की रोटी ज़्यादा बेहतर पचती है। फलों और सब्जियों का भरपूर सेवन करेंगे, तो शरीर को ज़रूरी विटामिन मिलेंगे। जितना तला हुआ और गरिष्ठ भोजन लेंगे, मूड उतना स्विंग होगा, क्योंकि जैसा अन्न होता है, मन भी वैसा हो जाता है। बहुत से लोग प्रोटीन के बहाने नॉन-वेज ज़्यादा पसंद करते हैं। बेशक, भोजन कैसा करें, यह आपकी चॉइस है, पर आपको मालूम होना चाहिए कि नॉन वेज को पचाने में समय बहुत लगता है। कई स्टडी में रेड मीट को कैंसर की एक बड़ी वजह बताया गया है। अगर आप नियमित वर्कआउट करते हैं, पर भोजन पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते, तो आपके शरीर को वर्कआउट का बहुत लाभ नहीं मिल पाता। लेकिन, अगर आप वर्कआउट भी करें और भोजन पर भी ध्यान दें, तो इसका प्रभाव तुरंत देख सकते हैं।

दो हफ्ते में एक बार उपवास करें
आप शरीर के प्राकृतिक चक्र से जुड़ा ‘मंडल’ नाम की एक चीज होती है। मंडल का मतलब है कि हर 40 से 48 दिनों में शरीर एक खास चक्र से गुजरता है।

हर चक्र में तीन दिन ऐसे होते हैं जिनमें आपके शरीर को भोजन की आवश्यकता नहीं होती। अगर आप अपने शरीर को लेकर सजग हो जाएंगे तो आपको खुद भी इस बात का अहसास हो जाएगा कि इन दिनों में शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती। इनमें से किसी भी एक दिन आप बिना भोजन के आराम से रह सकते हैं।

पीठ को सीधा रखकर बैठें
शरीर के भीतरी अंगों के आराम में होने का खास महत्व है। इसके कई पहलू हैं। फिलहाल हम इसके सिर्फ एक पहलू पर विचार कर रहे हैं। शरीर के ज्यादातर महत्वपूर्ण भीतरी अंग छाती और पेट के हिस्से में होते हैं। ये सारे अंग न तो सख्त या कड़े होते हैं और न ही ये नट या बोल्ट से किसी एक जगह पर स्थिर किए गए हैं। ये सारे अंग ढीले-ढाले और एक जाली के अंदर झूल रहे से होते हैं। इन अंगों को सबसे ज्यादा आराम तभी मिल सकता है, जब आप अपनी रीढ़ को सीधा रखकर बैठने की आदत डालें।

सांसों पर होना चाहिए कैसा नियंत्रण?

प्राणायाम श्वास पर नियंत्रण पाने का सरल तरीका है। कौशल योगाचार्य ने कहा कि शास्त्रों में लिखा है कि बिना आसन सिद्ध किए प्राणायाम नहीं करना चाहिए। इसलिए हमेशा आसन में बैठकर ही प्राणायाम करना चाहिए। गलत तरीके से या चलते-फिरते कोई भी प्राणायाम करने से लाभ की बजाए नुकसान होता है।

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