Nitish Kumar

CM Nitish Kumar को एक बार फिर आई बीजेपी की याद, जानिए क्यों ?

Lucknow Desk: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज यानी 19 अक्टूबर को मोतिहारी में केंद्रीय विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी पहुंचीं थीं। इस समारोह में संबोधन के दौरान नीतीश कुमार का बीजेपी के लिए एक बार फिर प्रेम छलका है। मंच से नीतीश कुमार ने बीजेपी सांसद राधामोहन सिंह के तरफ इशारा करते हुए कहा कि हमरा दोस्ती कहियो खत्म होगा, जब तक हम जीवित हैं, आप लोगों के साथ मेरा संबंध रहेगा। वहीं इस बयान के बाद से कई सियासी मायने निकाले जा रहे है।

इसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कोसते हुए कहा कि उन्होंने तो मेरी बात ही नहीं सुनी थी। वो तो 2014 में जब नयी सरकार बनी, तो मेरी बात मानी गयी।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार ने 2007 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की थी। 2009 में यूपीए-2 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विवि अधिनियम को पास किया। बिहार में इसके तहत यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला लिया गया। नीतीश कुमार ने कहा कि उसी समय उन्होंने केंद्र सरकार से इसकी मांग की थी कि बापू की धरती मोतिहारी में केंद्रीय विवि खोला जाए।

सीएम नीतीश ने कहा कि मोतिहारी वह जगह है जहां से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी। इसी धरती से महात्मा गांधी ने शिक्षा की अलख जगाई। तत्कालीन केंद्र सरकार मेरे बार-बार डिमांड करने के बाद भी यूनिवर्सिटी खोलने को राजी नहीं हुई। नीतीश ने उस समय की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने तत्कालीन शिक्षा मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने मुझे खाना खिलाया और मोतिहारी में केंद्रीय विवि खोलने से मना कर दिया। मैं उन्हें बार-बार कहता रहा कि मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलिए, लेकिन वे माने नहीं। उस समय की केंद्र सरकार ने कहा कि गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलेंगे।

बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, ऐसे में नीतीश कुमार का ये बयान कई सवालों को जन्म दे रहा है। इस बयान के बाद से एक बार फिर बिहार की राजनीति में नया मोंड़ आने वाला है।

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