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Lucknow Collectorate Auditorium

Lucknow कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी द्वारा बुलाई गई राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक

Lucknow Desk: आज कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी श्री सूर्य पाल गंगवार द्वारा राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि सभी उप जिलाधिकारी व तहसीलदार प्रतिदिन का टाइम टेबल बनाना सुनिश्चित करे की प्रतिदिन वह कितने बजे से कितने बजे तक कोर्ट में बैठेंगे और कितने बजे से कितने बजे तक जनसुनवाई करेगे। साथ ही सभी अपर जिलाधिकारी/उप जिलाधिकारी/अपर नगर मजिस्ट्रेट व तहसीलदार प्रतिदिन कोर्ट करना सुनिश्चित करेगे।

बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निम्नवत दिशा निर्देश दिए गए :-

1. जिलाधिकारी द्वारा बैठक की शुरुआत समस्त न्यायलयों के राजस्व वादों की समीक्षा से की गई। जिलाधिकारी द्वारा सभी न्यायलयों में 1 वर्ष से ऊपर के लंबित वादों की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया की तहसील सदर में 553 वाद, मलिहाबाद में 514 वाद, मोहनलालगंज में 1100 वाद, सरोजनीनगर में 1350 वाद और तहसील बक्शी का तालाब में 2473 वाद अभी भी लंबित है। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए गए की 15 नवंबर तक सभी तहसीलों में 1 वर्ष से ऊपर के सभी वादों का निस्तारण करना सुनिश्चित कराया जाए। 15 नवंबर के बाद यदि किसी भी कोर्ट में कोई 1 वर्ष से ऊपर का वाद पाया जाएगा तो संबंधित के विरुद्ध एडवर्स एंट्री जारी करते हुए कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया की 21 नवंबर को दुबारा से सभी कोर्ट के वादों का रिव्यू किया जाएगा। इस लिए जिन वादों में आगे की तारीखे दे दी गई है उन सब को प्रीपोन करते हुए 15 नवंबर से पहले निस्तारित करना सुनिश्चित किया जाए।

2. जिलाधिकारी द्वारा बैठक में निर्देश दिए गए की  अपर जिलाधिकारी वित्त एवम राजस्व द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिदिन एक तहसील के 1 वर्ष से ऊपर के वादों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही निर्देश दिए की जिन न्यायलयों में अब भी 5 वर्ष से ऊपर के वाद लंबित है उनको तत्काल शो कास जारी किया जाए।

3. उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 34 के लंबित वादों की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की 1 साल से ऊपर के धारा 34 के को भी वाद लंबित है जिसमे अप्पतियां नही है उनको तत्काल मेरिट पर निस्तारित किया जाए। उक्त के साथ ही सभी अपर नगर मजिस्ट्रेट भी अपनी अपनी कोर्ट के 1 साल से ऊपर के लंबित वादों का निस्तारण 15 नवंबर तक करना सुनिश्चित करे।

4. उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा एंटी भू माफिया अभियान की भी गहन समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की धारा 67 के जितने भी आदेश है जिनका अभी तक कंप्लायंस नही हुआ है उनकी सूची बनाकर रोस्टर वार अवैध कब्जे हटवाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

5. बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा  देयो से सम्बंधित बिंदु की समीक्षा की गई। समीक्षा में संज्ञान में आया की पारिवारिक न्यायलय की कुल 134 आरसी अभी भी लंबित है।  जिसके संबंध में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की सभी तहसीलदार आरसी के बाकीदारों को स्वय कॉल करके उनको कोर्ट में आरसी का भुगतान करने को बोलेंगे। यदि उनके द्वारा फिर भी आरसी की धनराशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो बाकीदारो के विरुद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगे। उक्त के साथ ही स्टांप वाद और रेरा की वसूली टीम बनाकर 7 दिनों के भीतर करना सुनिश्चित की जाए। जो बाकीदार आरसी का भुगतान नहीं कर रहे है उनकी संपत्तियों को सीज करने की कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की किस तहसील कितने बाकीदारो पर कितनी रेरा की आर सी है उसकी लिस्ट बनाई जाए और उनकी रिकवरी करना सुनिश्चित किया जाए।

6. बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा IGRS व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि IGRS प्रकरणों के सभी निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो। निस्तारण करते समय यदि आवश्यकता हो तो अपर ज़िलाधिकारियों से निस्तारण के सम्बन्ध में मार्गदर्शन प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए। IGRS के प्रकरणों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा। IGRS के प्रकरणों में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्यवाही निश्चित है। उक्त के साथ ही समाधान दिवस के प्रकरणों का ससमय गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कोई भी प्रकरण समय सीमा के बाहर नहीं जाना चाहिए। उक्त के साथ ही प्रकरणों के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ताओं को कॉल करके उनका फीडबैक भी लिया जाए।

7. उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा विभागीय कार्यवाहियों व मेजस्ट्रेशियल जांच के प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा की विभागीय कार्यवाहियों व मेजस्ट्रेशियल जांचो के जितने भी प्रकरण लंबित है तत्काल उनका निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। उक्त के साथ ही आर्थिक सहायता के प्रकरणों के संबंध में निर्देश दिए गए की आर्थिक सहायता के प्रकरणों के संबंध में शिथिलता कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही न्यायिक सहायक को निर्देश दिए की उनके द्वारा हर घंटे में पोर्टल चेक किया जाए ताकि जैसे कोई आर्थिक सहायता का प्रकरण प्राप्त हो तो तत्काल उसके संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।

उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा शुभी सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री राकेश सिंहनगर मजिस्ट्रेट श्री सिद्धार्थ, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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