Lucknow Desk: देवरिया हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। अब सत्य प्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता घर पहुँची और घर की हालत देखकर रो पड़ी। इस दौरान शोभिता ने सीएम योगी से न्याय की मांग की है। शोभिता ने कहा कि योगी जी मेरे परिवार को खत्म करने वालों को एनकाउंटर कर दिया जाए जिन्हें जमीन में मिला दिया जाए और उनका सर्वनाश कर दिया जाए।
शोभिता ने किए कई खुलासे
बता दे कि शोभिता ने प्रेम चंद्र यादव को लेकर कई खुलासे किए है। शोभिता ने बताया कि 2014 में प्रमाणपत्र बनवाने के लिए चाचा आए थे। उस समय प्रेम चंद्र यादव के घर में ही ग्राम प्रधानी थी। उस समय धोखे से जमीन लिखवा ली गई थी। शोभिता ने आगे बताया कि 2018 में भी उसके परिवार पर हमला करने की तैयारी थी। लेकिन चार अक्तूबर को एक मुकदमे में पेशी होनी थी। इस बीच यह वारदात को समझ कर किया गया है। ऐसे में घटना में शामिल लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
बेटे को मिली सुरक्षा
बता दे कि फतेहपुर के लेहड़ा टोला के सत्यप्रकाश दूबे का कुनबा ही समाप्त हो गया है। इस मामले के समय परिवार में बड़ा बेटा देवेश घर में नहीं था। जिसके वजह भीड़ के आक्रोश से बच गया। तो वहीं छोटे बेटे अनमोल को हमलावर मृत समझ छोड़ गए, जो गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत और जिंदगी की लड़ाई लड़ रहा है। फिलहाल पुलिस ने देवेश को कड़ी सुरक्षा प्रदान की है।
घंट बांधते रो पड़ा बड़ा बेटा देवेश
03 अक्टूबर यानी मंगलवार को शहर के देवरिया रामनाथ मोहल्ले में कर्मकांड के दौरान पीपल के पेड़ पर घंट बांधने के लिए बड़ा बेटा देवेश पहुंचे थे। वह काफी समय तक गुमसुम बैठे रहे। परिवार पर बीते कहर के बारे में सोच कर वह रो रहा है। फिर आंसू पोंछकर खुद को ढांढस बंधाते। इस कांड के सिर मुड़वाने के बाद घंट बांधने की बारी आई तो देवेश फफक पड़े।
गांव में प्रेम की दबंगई
दरअसल, पूरे गांव में प्रेम की दबंगई चलती थी। देवेश ने कहा कि प्रेम के परिवार ने बड़ा अत्याचार किया है। देवेश ने कहा कि प्रेम की दबंगई के आगे कोई जुबान नहीं खोलता था। इस घटना में कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जो मेरे परिवार से जलते थे। उन्होंने हत्यारों को फांसी की सजा की मांग की। कहा, सरकारी जमीन पर बने आरोपी के मकान को भी ढहाने की मांग की।
सत्यप्रकाश का भाई ज्ञानप्रकाश दो माह से है लापता
ये हत्याकांड की अहम कड़ी सत्यप्रकाश के भाई ज्ञानप्रकाश से भी जुड़ रही है। फिलहाल, ज्ञान का कुछ पता नहीं चल रहा है। बताया जाता है कि ज्ञानप्रकाश प्रेम यादव के चक्कर में पड़ कर बर्बाद हो चुका है। उसकी पूरी जमीन प्रेम ने लिखवा ली थी। मंगलवार को ग्रामीणों ने बताया कि भूमि बैनामा कराने के बाद ज्ञानप्रकाश प्रेम के घर ही 24 घंटे रहता था। उसकी हैसियत नौकरों की तरह रह गई थी।
वहीं गांव के लोगों ने बताया कि प्रेम की उपेक्षा से ज्ञान दुखी रहता था। इसी बीच दो माह पहले वह गायब हो गया। इसको लेकर भी गांव में चर्चा हो रही है। कुछ लोगों ने ज्ञानप्रकाश की गुमशुदगी की भी जांच कराने की मांग की है। अब देखना ये होगा की पुलिस इस हत्याकांड को कैसे सुलझाती है और मृतक परिवार कब तक इंसाफ दिलाती है।