Lucknow Desk: हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और दाम्पत्य जीवन में खुशहाली के लिए कई व्रत व उपवास रखती है। इसमें से सबसे प्रमुख व्रत करवा चौथ का है। हर साल पवित्र कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को चतुर्थी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व पर सुहागिन महिलाएं अपने पति के लम्बी आयु की कामना से कठिन व्रत रखती है और चंद्रमा की पूजा करती है। ये व्रत इस साल 1 नवंबर को मनाया जाएगा।
दरअसल, करवा चौथ के व्रत से घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है और पति की आयु भी दीर्घायु होती है। इसलिए सुहागिन महिलाएं बहुत ही धूमधाम से मनाती है। हिंदू पंचाग के अनुसार, इस साल करवा चौथ पर पूजन के लिए 95 मिनट का समय सबसे शुभ है।
पूजा का शुभ समय
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 1 नवंबर को करवा चौथ के दिन शाम 5 बजकर 45 मिनट से 7 बजकर 25 मिनट के बीच सुहागिन महिलाओं को करवा पूजा करना चाहिए। फिर रात में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा की पूजा करके चलनी से पहले चांद का दीदार करें और फिर अपने व्रत का पारण करना चाहिए।
माता पार्वती से है कनेक्शन
धार्मिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव और द्रोपदी ने पांडवों के लिए इस व्रत को रखा था। इस व्रत के प्रभाव से सुहागिन महिलाओं को अखंड सुहाग का व्रत प्राप्त होता है। करवा चौथ के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए और फिर पूरे दिन निर्जला व्रत रहना चाहिए। इस दिन शाम को पूजा के समय 16 श्रृंगार करके महिलाओं को करवा की पूजा करनी चाहिए।
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