Lucknow Desk : धनतेरस से दीपावली के त्योहार का आरंभ माना जाता है। धनतेरस इस बार 10 नवंबर को मनाई जाएगी। दीपावली नजदीक है। जिसमें माता लक्ष्मी, गणेश और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर बाहर निकले थे, इसलिए इस दिन बर्तन की खरीदारी को बड़ा शुभ माना गया है। इस दिन धन के देवता कुबेरजी और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन सोने-चांदी के अलावा बर्तनों की खरीद करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुओं में 13 गुना वृद्धि होती है। धनतेरस के त्योहार को विधि विधान से मनाने पर आपको वर्ष भर धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। आइए आपको बताते हैं धनतेरस का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि।
क्यों मनाया जाता है धनतेरस?
धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धन्वंतरि हाथों में कलश लिए समुद्र में से प्रकट हुए थे। इतना ही नहीं मान्यता के अनुसार भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का ही अंश माना जाता है। शायद यही वजह है कि धनतेरस के दिन विधि-विधान पूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा आराधना की जाती है। इतना ही नहीं धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान की भी पूजा आराधना करने का विधान है। कहा जाता है धनतेरस पर माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से घर में धन की कोई कमी नहीं रहती है। साथ ही परिवार में सुख-शांति बना रहता है।
धनतेरस पर बर्तन क्यों खरीदना चाहिए?
अयोध्या की ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदने का विधान है। मान्यता के अनुसार भगवान धन्वंतरि जन्म के दौरान एक अमृत कलश लिए हुए थे। इसी वजह से इस दिन बर्तन खरीदना बेहद खास माना जाता है। अगर जातक धनतेरस के दिन कलश खरीदने हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण होता है।
धनतेरस पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
पंचांग की गणना के अनुसार धनतेरस पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 11 नवंबर को 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस वक्त में की गई सोने की खरीद आपके धन में कई गुना वृद्धि करने वाली मानी जा रही है।