Lucknow Desk: सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की गई। इस दौरान सीएम योगी ने एक बड़ा फैसला लिया है। सीएम ने आदतन यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही वाहन जब्त करने का फैसला लिया है।
सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक
बता दे कि शनिवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए है। इस दौरान सबसे बड़ा फैसला वाहन दुर्घटनाओं को लेकर निर्देश दिए गए। सीएम ने सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों को कम करने के लिए ठोस प्रयासों पर जोर दिया। पहले लोगों को जागरूक करें और बार-बार उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाएं। सीएम ने कहा कि कोहरे में दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जागरूकता, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और आपातकालीन देखभाल पर ध्यान देने की जरूरत है। आगामी 15 दिसंबर से 31 दिसंबर तक ‘सड़क सुरक्षा पखवाड़ा’ के रूप में मनाया जाए। गृह, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, बेसिक, माध्यमिक शिक्षा, एक्सप्रेस-वे एवं हाईवे प्राधिकरण आदि के बेहतर समन्वय से इसे सफल बनाना होगा। सीएम ने कहा कि यूपी देश का पहला राज्य है, जिसने सड़क दुर्घटना जांच योजना शुरू की है। इसमें तीन या अधिक मौतों वाली दुर्घटनाओं की जांच अनिवार्य रूप से एक समिति के माध्यम से करानी होगी।
पुलिस के साथ पीआरडी जवानों की तैनाती
सीएम ने कहा कि यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सरकार की ओर से होम गार्ड की तैनाती की गई है। स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप पीआरडी जवानों की तैनाती की जाय। दुर्घटना की स्थिति में ‘आपदा मित्रों’ की सेवाएं ली जाएं।
बड़ी दुर्घटनाओं का कारण
उन्होंने कहा कि खराब सड़क इंजीनियरिंग बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनती है। पीडब्लूडी, स्टेट हाईवे तथा एनएचएआई मार्गों पर चिन्हित ब्लैक स्पॉट सुधार कार्य शीघ्र पूर्ण किये जायें। स्पीड ब्रेकर को बैक ब्रेकर न बनाया जाए।
लखनऊ में प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना
सीएम ने कहा कि यातायात विभाग लखनऊ में एक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान स्थापित करे। डाटा विश्लेषण प्रणाली स्थापित करने का कार्य भी किया जाय। सभी संचालित एवं प्रस्तावित एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणालियों को यूपी 112 से जोड़ा जाए।
सड़क दुर्घनाओं को रोकने के लिए कई निर्देश
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