Lucknow Desk: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का परिणाम जारी हो चुका है। तीन राज्यों में बीजेपी तो वहीं एक राज्य तेलंगाना में कांग्रेस ने बाजी मार ली है। परिणाम जारी होने के बाद अब राज्यों में सीएम पद की चर्चा जोरों पर हो गया है। बता दे कि कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाकर तेलंगाना के सबसे मजबूत और प्रभावशाली रेड्डी समुदाय को अपने साथ जोड़ा है। वह महज छह साल पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे।
रेड्डी ने पार्टी में यह संदेश भी दिया है कि अगर दमदार व्यक्तित्व उनकी पार्टी में जुड़ता है, तो वह भी भारतीय जनता पार्टी की तरह दूसरे दल से आए नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा सकते हैं। पार्टी से जुड़े नेता भी मानते हैं कि रेवंत रेड्डी सिर्फ तेलंगाना ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश समेत दक्षिण की सियासत में वाईएसआर की तरह मजबूत चेहरे बनकर आगे बढ़ेंगे। फिलहाल तेलंगाना में रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने दक्षिण के सियासत में मजबूत पैठ बनाने की रणनीति तैयार की है।
तेलंगाना में पहली बार कांग्रेस की सरकार
तेलंगाना राज्य के बनने के बाद से पहली बार कांग्रेस को यहां सत्ता मिली है। सत्ता के साथ ही पार्टी ने राज्य के युवाओं की पसंद रहे रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बना कर राज्य में और पार्टी में बड़ा संदेश दिया है। सूत्रों का कहना है कि रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से कांग्रेस ने एक साथ कई निशाने साधे हैं। सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात तो यही है कि कभी एबीवीपी और टीडीपी में रहे रेवंत रेड्डी को पार्टी ने सत्ता सौंप दी।
इसका सीधा मतलब यही है कि कांग्रेस अब उस बदलाव की दिशा में आगे बढ़ रही है जिसमें जिताऊ चेहरे और पसंद किए जाने वाले व्यक्तित्व को पार्टी आगे करेगी। इसके अलावा रेवंत रेड्डी की लोकप्रियता सिर्फ तेलंगाना ही नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश समेत आसपास के दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मजबूत है। कांग्रेस पार्टी भी यह चाहती है कि विधानसभा परिणाम के बाद वह लोकसभा चुनावों में न सिर्फ बेहतर प्रदर्शन करें, बल्कि सियासी रूप से खुद को दक्षिण में और मजबूत करें। इस लिहाज से पार्टी ने रेवंत रेड्डी को आगे बढ़ाया है।
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