Lucknow Desk: बिहार के पटना हाईकोर्ट से पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी राहत मिली है। नेता नवजोत सिंह सिद्धू के विरुद्ध 2019 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को एकमुश्त कांग्रेस को वोट देने की अपील करने के मामले में एफआईआर को कोर्ट ने रद्द कर दिया है। जस्टिस संदीप कुमार ने नेता नवजोत सिंह सिद्धू की अपील पर सुनावाई करते हुए ये साफ कर दिया है कि सिद्धू ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के नेता ओवैसी की और से मुस्लिम मतों के बंटवारे की ओर सावधान किया था।
पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए साफ कर दिया है कि सिद्धू ने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे कारण सांप्रदायिक सद्भाव और हिंसा को बढ़ावा मिले। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम मतदाताओं से अपील की है कि वोट के बंटवारे का लाभ बीजेपी को मिल सकता है। इसीलिए उन्होंने मुस्लिम समुदाय से कांग्रेस के पक्ष में एकमुश्त मत देने की अपील की थी। कोर्ट ने कहा कि सिद्दू की मंशा सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का नहीं था, बल्कि मुस्लिम मतों के बंटवारे से रोकना था।
दरअसल, कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के खिलाफ 16 अप्रैल 2019 को आईपीसी और रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी मामले में चार्जशीट दायर किया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को संज्ञान लिया। निचली कोर्ट की कार्यवाई को नोवजोत सिंद्धू ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी। कोर्ट ने इस मामले में उन्हें बड़ा राहत दे दी है। बता दे कि हाल ही में नवजोत सिद्धू को 10 महीने जेल से बिता कर लौटे हैं।