INS Imphal को मिला कमीशन, जानिए क्या है INS Imphal की खासियत
Wednesday, 27 Dec 2023 17:00 pm
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Lucknow Desk: भारतीय नौसेना की ताकत लगातार बढ़ रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को यानी महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आइएनएस इम्फाल को नौसेना में शामिल किया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार भी मौजूद रहे। आईएनएस इंफाल विशाखापत्तनम श्रेणी का डेस्ट्रॉयर है, जिसे भारतीय नौसेना ने ही डिजाइन किया और भारत में ही इसका निर्माण किया गया है। वहीं जिस वक्त पर नौसेना के बेड़े में इंफाल को शामिल किया जरहा है तो उस वक्त एक धुन भी बजाई। वो धुन थी हम है नौसेना, भारत के सारथी जय भारती, जय भारती।
अब हम आप को बताएगें आइएनएस इम्फाल की खासियत क्या है?
- आइएनएस इम्फाल स्वदेशी रूप से विकसित युद्धपोत है। यह नौसेना द्वारा विकसित और डिजाइन किए गए विशाखापत्तनम श्रेणी के चार विध्वंसक जहाजों में से तीसरा जहाज है। विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक जहाज आइएनएस विशाखापत्तनम, आइएनएस मोर्मुगाओ, आइएनएस इम्फाल और आइएनएस सूरत हैं। ये सभी देश के विभिन्न शहरों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- आइएनएस इम्फाल की अधिकतम गति 56 किमी प्रति घंटा है। इसे बनाने में लगा समय किसी विध्वंसक के लिए अब तक का सबसे कम समय है।
- आइएनएस इम्फाल स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट लॉन्चर और टॉरपीडो लॉन्चर से लैंस है। इसमें आधुनिक निगरानी रडार है। यह युद्धपोत पनडुब्बी रोधी युद्ध संचालन करने में भी सक्षम है।
- आइएनएस इम्फाल देश का पहला ऐसा युद्धपोत है, जिसका नाम पूर्वोत्तर के किसी शहर पर रखा गया है। इस युद्धपोत की मंजूरी 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी थी।
- आइएनएस इम्फाल में 75 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है।
- इसमें मध्यम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल, टारपीडो ट्यूब लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट शामिल है।
- आइएनएस इम्फाल को कमीशन मिलने से पहले कई समुद्री परीक्षणों से गुजरना पड़ा।
- यह युद्धपोत दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने में सक्षम है। ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र, हवा और यहां तक कि पनडुब्बियों से भी लॉन्च किया जा सकता है।
- आइएनएस इम्फाल की आधारशिला 2017 में रखी गई थी। इसका परीक्षण 2019 में शुरू हुआ था। वहीं, समुद्री परीक्षण 2023 में शुरू हुआ।
- केंद्र सरकार के मुताबिक, विध्वंसक का नाम मणिपुर की राजधानी इम्फाल के नाम पर रखने का मकसद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के योगदान, 1891 के एंग्लो-मणिपुर युद्ध और 1944 में मोइरांग में पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा आईएनए ध्वज फहराने के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है।