Lucknow Desk : लखनऊ में 16 दिन से धरने पर बैठे कर्मचारियों की मांग सुनंने के लिए अधिकारियो के पास वक्त तक नहीं है न ही उनका समाधान निकालने के लिए अफसरों के पास कोई मास्टरप्लान है इसी लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलने के लिए समय की मांग कर रहे है ताकि अपनी समस्याओं को लेकर उनसे सीधा वार्ता कर सके।
दरअसल स्मारक समिति से जुड़े चतुर्थ श्रेणी के तकरीबन 4000 कर्मचारी पिछले 16 दिनों से अनिश्चित कालीन धरने पर है। अलग-अलग 90 पदों में कार्यरत स्मारक समिति के कर्मचारी जैसे सफाईकर्मी, इलेक्ट्रीशियन, माली, सुपरवाइज़र, व्यवस्थापक, लिपिक,ब्रांच सफाई समेत मृतक आश्रित के 168 परिवार अपनी 6 सूरतिया मांगो को ऐडा है। ये धरना पिछले 16 दिनों आलमबाग के इको गार्डेन में अनिश्चित काल से चल रहा है जिसमे सैकड़ो की संख्या में न सिर्फ पुरुष बल्कि कई महिलाये व महिलाओ व बच्चो के साथ मृतक आश्रित का पूरा परिवार है। उनका कहना है की 21 तारिख से उनका धरना निरंतर जारी है। अपने वेतनमान मृतक आश्रित को सेवा लाभ,सीपीएफ खाते खोलने ,स्थाईकरण व प्रोन्नति जैसे कई मुद्दों को लेकर अफसरों से बात करने की बात करते है उनसे उनके हक़ की मांगे मनवाने की बात करते है लेकिन बंद कमरों में अफसरों ने एफआईआर की धमकी ख़त्म करने की चेतवानी दी और वबेतरण रोकने के आदेश जारी कर दिए लेकिन इस बार कर्मचारी सीधे अपनी मांगो को लेकर सीएम योगी और राज्यपाल से मिलकर अपनी जायज़ मांगो की बात रखना चाहता है लेकिन अफसर उसकी भी इज़ाज़त नहीं देते। कई आश्रितों से और कर्मचारियों से बात में इस बात को लेकर अपना दर्द भी बया किया।
वही 4 कर्मचारियों की भीड़ को लेकर चल रहे कर्मचारी अध्यक्ष कौशल किशोर आदित्य ने बताया की वो सरकार के साथ है लेकिन अफसर शाशन-सरकार को गुमराह कर उनके हक़ और हिट की बात को लेकर आगे नहीं जाते ये वो 4 हज़ार कर्मचारी है जो नगर निकाय से लेकर लोकसभा चुनाव में ड्यूटी भी करते है। ऐसे में कर्मचारी अध्यक्ष ने कहा की खुद सीएम व् राज्य पाल से मिलकर अपने हित की बात रखना चाहते है अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो आंदोलन की राह पर पूरे यूपी में उतरेंगे।
इस बार लोकसभा चुनाव से पहले लखनऊ के अंदर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ये आंदोलन अफसरों की लापरवाही के चलते सरकार की छवि में खलल डाल सकता है। ..अगर ऐसे में समय रहते इसका निसरातां न हुआ तो महिला व पुरुषो का ये आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है।