Priyanka Gandhi: एक बार फिर देश में चुनाव का दौर शुरू होने जा रहा है। कई राज्यों में विधानसभा उपचुनाव होने है इसके साथ ही दो राज्य झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने है। जिसके तारिखों का ऐलान भी हो चुका है। इसी क्रम में केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव दिलचस्प होने वाला है। दरअसल, इस सीट से कांग्रेस की महासचिव और गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी अपना सियासी डेब्यू करने जा रही हैं। वे आज अपना नामांकन दाखिल करेंगी। नामांकन दाखिल करने से पहले प्रियंका एक विशाल रोडशो करेंगी, जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें, प्रियंका गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ मंगलवार की शाम को केरल पहुंच गईं। इस सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया जाएगा।
बता दें, नामांकन के दौरान प्रियंका गांधी के साथ उनकी मां सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और भाई राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नव्या हरिदास को चुनावी अखाड़े में उतारा है, तो वहीं लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) ने सत्यन मोकेरी पर भरोसा जताया है।
सांसद राहुल गांधी ने इस साल जून में छोड़ी दी थी सीट
इस बार वायनाड संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि मौजूदा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस साल जून में सीट छोड़ दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में रायबरेली की दूसरी सीट को बरकरार रखने का फैसला किया था। दरअसल, राहुल गांधी 2019 में यूपी की अमेठी के साथ-साथ वायनाड सीट से भी चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें कांग्रेस परिवार का गढ़ कही जाने वाली अमेठी संसदीय सीट पर हार का सामना करना पड़ा था और वायनाड में जीत हासिल हुई थी।
बीजेपी का उम्मीदवार कौन हैं?
बता दे कि इस बार उपचुनाव में बीजेपी ने उम्मीदवार नव्या को इस सीट से उतारा है। 39 साल की नव्या है। वो वर्तमान में कोझिकोड नगर निगम में पार्षद हैं और बीजेपी की महिला मोर्चा की राज्य महासचिव हैं। इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद नव्या की राजनीति में एंट्री अचानक हुई थी। बीटेक की डिग्री प्राप्त करने के बाद नव्या ने ढाई साल तक एचएसबीसी बैंक में एक सॉफ्टवेयर पेशेवर के रूप में काम किया थी। इसके बाद 2009 में उन्होंने मरीन इंजीनियर शोबिन श्याम से शादी की और सिंगापुर चली गईं, जहां उन्होंने कई सॉफ्टवेयर फर्मों में काम किया। 2015 में कोझिकोड की एक छोटी यात्रा के दौरान उन्होंने केरल में स्थानीय निकाय चुनाव देखा गया इसके बाद धीरे- धीरे सब कुछ बदल दिया।