Dhanteras Puja 2024: धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस का पर्व त्रयोदशी 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं कि धनतेरस कब है और इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
धनतेरस पर पूजा का शुभ समय
इस साल धनतेरस का पर्व 29 अक्दूबर को पड़ रहा है। धनतेरस की त्रियोदशी तिथि 29 अक्तूबर को प्रातः 10 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 30 अक्तूबर को अपराह्न 1 बजकर 15 मिनट पर होगी। इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। धनतेरस के लिए 29 अक्तूबर को गोधूली काल शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। बता दें, धनतेरस के पूजन के लिए कुल 1 घंटा 42 मिनट का समय ही रहेगा।
धनतेरस का पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर (30 अक्टूबर)
चंद्रास्त- शाम 03 बजकर 57 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
क्या है धनतेरस का महत्व?
धनतेरस के अवसर पर माता लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की आराधना की जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी और कुबेर की कृपा से व्यक्ति के धन और संपत्ति में वृद्धि होती है। पूजा से सुख और समृद्धि में इजाफा होता है। धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति की स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके साथ ही परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं।
कुबेर का प्रिय पौधा लगाने से व्यक्ति कर्ज मुक्त
धनतेरस के दिन घर का सामान या सोना चांदी खरीदने से ही लाभ नहीं मिलता है बल्कि इस दिन धन के देवता कुबेर का प्रिय कुबेराक्षी पौधा जरूर लगाना भी शुभ होता है। मान्यता के अनुसार, इस पौधे को घर में लगाने से धन से जुड़ी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। धन लाभ के अवसर मिलते हैं। इसके साथ ही रुका हुआ धन भी वापस आ जाता है। घर में दरिद्रता का वास है तो वो भी दूर हो जाता है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
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