Akhilesh Yadav News: संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने गजल पढ़कर महफिल में खूब वाहवाही लूटी है। उन्होंने मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर सरकार पर हमला बोला और धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को तोड़ने का आरोप लगाते हुए आरक्षण, जातीय जनगणना, नौकिरयों, बुलेट-बुलडोजर को भी प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर निशाने पर रखा। इस बीच अखिलेश यादव सदन के भीतर तंज कसते रहे और इस समय सपा प्रमुख की बात को सुनकर उनके बगल में बैठे नेता भी हंसने लगे, जिसमें अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव भी शामिल हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि आज संविधान को बचाने के लिए करो या मारो की जरूरत है। जो संविधान बदलना चाहते थे और 400 पार का नारा लगाते थे, जनता ने उन्हें सबक सीखा दिया है।
न मेरा है न तेरा है, ये हिन्दुस्तान सबका है
नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सबका है
हजारों रास्ते खोजे गए उस तक पहुंचने के
लेकिन पहुंचे हुए ये कह गए कि भगवान सबका है
जो इसमें मिल गईं नदियां वो दिखाईं नहीं देतीं
महासागर बनाने में मगर एहसान सबका है
अनेकों रंग खुशबू नस्ल के फलफूल पौधे हैं
मगर उपवन की इज्जत आबरू ईमान सबका है
आपको बता दें, ये पंक्तियां मशहूर कवि, गजलकार, समाजवादी नेता उदय प्रताप सिंह की है। जिनका जन्म मैनपुरी जिले में 1932 में हुआ था। उन्होंने सैकड़ों रचनाएं लिखीं, लेकिन ये गजल सबसे ज्यादा चर्चा में रही है।