Lucknow News: प्रयागराज में भव्य कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन सख्त है। इसी क्रम में यूपी पुलिस ने एक अभियान चलाया है। इस अभियान के जरिए राज्य में फर्जी खबरों और साइबर अपराध के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए शुरू की जा रही है। वहीं बता दें, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को फर्जी खबरों और साइबर खतरों की पहचान करने और उनका प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस अभियान को लेकर पुलिस महानिदेश (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि 2018 से पुलिस डिजिटल वॉलंटियर्स को शामिल कर रही है और 2023 में व्हाट्सऐप पर सामुदायिक सुविधाओं को जोड़ने के साथ, इन स्वयंसेवकों की पहुंच और भी बढ़ गई है।
डिजिटल स्वयंसेवकों पर क्या बोले यूपी डीजीपी ?
यूपी डीजीपी ने आगे कहा कि उस समय 10 लाख से अधिक डिजिटल स्वयंसेवकों को स्थानीय पुलिस स्टेशनों से जुड़े रहने और गांव या पड़ोस के स्तर पर होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं के बारे में जानकारी देने का काम सौंपा गया था। इसके जरिए पुलिस को वास्तविक समय की जानकारी और मुद्दों को बढ़ने से पहले हल करने के लिए रेस्पॉन्स टीम भेजने में मदद करेगी। वहीं उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में लगभग 10 लाख लोग डिजिटल स्वयंसेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं, जबकि लगभग 2 लाख पुलिसकर्मी इन सामुदायिक समूहों का हिस्सा हैं।
डिजिटल स्वयंसेवकों का बदला जाएगा नाम
यूपी डीजीपी ने आगे कहा कि समय बीतने के साथ स्पष्ट हो गया कि सोशल मीडिया की पहुंच और साइबर अपराध विकसित हो रहा है। इन चुनौतियों के जवाब में, मौजूदा डिजिटल स्वयंसेवकों का नाम बदलकर "डिजिटल योद्धा" रखने का निर्णय लिया गया है। वहीं कार्यशालाओं और गूगल फॉर्म के माध्यम से पंजीकरण किया जाएगा। स्कूलों और कॉलेजों के लोगों को इस पहल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जहां उनके संपर्क नंबर एकत्र किए जाएंगे। इसी बीच चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा डिजिटल स्वयंसेवकों का नाम बदलकर "डिजिटल योद्धा" रखा जाएगा। इसके अलावा, "पुलिस स्कूलों और कॉलेजों में" साइबर क्लब "स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। इन क्लबों का नेतृत्व डिजिटल योद्धा करेंगे। जो पुलिस की मदद करने के साथ ही साइबर अपराधों को रोकने और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के नए तरीकों का पता लगाने में मदद करेगा।