जनवरी बीत जाने के बाद फरवरी आ चुकी चुकी है और कल यानी 7 फरवरी से Valentine Week शुरु हो रहा है। जिसका पहला दिन Rose Day के रूप में शुरु होगा। इसके बाद इसी प्रक्रिया में आगे बढ़ते हुए Teddy Day, Choclate Day आदि एक के बाद एक डे आएंगे जबकि 14 तारिख को वेलेंटाइन डे मनाया जाएगा। जिसका आज के समय प्रेमी जोड़े बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह फिर ये कहा जाए कि इस पूरे सप्ताह का सभी प्रेमी जोड़ो में अलग ही खुमार रहता है। पर क्या आपको पता है कि आखिर क्यों 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है और आखिर ये वैलेंटाइन है क्या ?
कैसे शुरु हुआ था वैलेंटाइन डे ?
ये कहानी सन 269 की है। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे की शुरुवात सन 269 के बाद से हुई थी। पर अब बात करें इसकी कहानी कि तो यह रोम के एक पादरी संत जिनका नाम वैलेंटाइन था उनकी है। दरअसल वैलेंटाइन दूनिया में प्यार को बढ़ावा देने में मान्यता रखते थे। वह कहते थे प्रेम ही जीवन है और इसी के चलते वह बहुत से प्रेमी जोड़ो की शादियां भी करवाते थे । पर उसी शहर में एक बहुत क्रूर राजा था जिनका नाम क्लॉडियस था। उन्हें वैलेंटाइन की बात बिल्कुल नहीं पसंद थी। दरअसल वह एक शक्तिशाली राजा बनना चाहता था। इसीलिए वह चाहता था कि लोग सिर्फ अपने काम पर ध्यान दें। राजा को लगता था कि प्रेम और विवाह में पड़कर पुरुष कि बुध्दि और शक्ति दोनों ही खत्म हो जाती हैं। जिससे न तो वह सही से काम कर पाएगा ना ही किसी युध्द में अपनी पूरी क्षमता के साथ भाग ले पाएगा। इसी वजह से राजा के सैनिकों और अधिकारीयों को शादी करने का अधिकार नहीं था। पर, संत वैलेंटाइन ने राजा के इस आदेश का पूरी तरह से विरोध किया और शहर के लोगों को प्रेम और शादी के लिए प्रेरित किया। यही नहीं उन्होनें राजा के सैनिकों और अधिकारियों की भी शादियां करवायी। जिसके चलते राजा भड़क उठे और वैलेंटाइन के खिलाफ फांसी का आदेश दे दिया। जिसके बाद 14 फरवरी 269 को वैलेंटाइन को फांसी पर लटका दिया गया। उस दिन के बाद से ही इस दिन को प्यार के दिन के तौर पर मनाया जाता है। इस कहानी कि बात करें तो जिक्र ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन नामक किताब में इस पूरी कहानी का जिक्र किया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि संत वैलेंटाइन ने अपनी मौत के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को अपनी आंखे दान कि साथ ही उन्होंने जैकोबस को एक पत्र भी लिखा था। जिसके अंत में उन्होंने लिखा तुम्हारा वैलेंटाइन तो यही थी वैलेंटाइन डे की पूरी कहानी।
दूनियाभर में प्रसिध्द है वैलेंटाइन डे
वैसे तो वेलेंटाइन डे सिर्फ पश्चिमी देशों में मनाया जाता था। पर इसके बाद धीरे-धीरे बहुत से देशों में लोग इस वैलेंटाइन वीक को जानने लगे और प्यार के दिन के रूप में मनाने लगे। सोशल मीडीया के आ जाने के बाद इसका प्रचार-प्रसार और तेजी से हुआ और आज लगभग सभी देशों के सभी नागरिकों को वैलेंटाइन डे के बारे में पता है।
वैलेंटाइन पर दो धड़ो में बंटा भारत
खैर अब तक तो बात हुई इस पूरी कहानी की पर इस कहानी के इतर वैलेंटाइन डे की बात करें तो यह भारत में दो धड़ो में बंटा हुआ है। जहां पर एक धड़ा इसे बहुत ही चाव से मनाता आया है। विशेषकर कोई प्रेमी और प्रेमिका पर दूसरा धड़ा लगातार इस बात पर सवाल उठाता रहा है कि क्यों हम किसी दूसरे देश की संस्कृति को माने इस तरह के सवाल लगातार उठते रहते है। कुल मिलाकर भारत कि बात करें तो कुछ लोग इसे मनाते हैं तो कुछ इस पर व्यंग्य करते हैं। पर एक बात तो तय है कि यह फरवरी माह चर्चाओं में जरूर रहता है। इस वैलेंटाइन वीक को लेकर, जिसमें सोशल मीडीया से लेकर अखबारों तक इसकी चमक रहती है। बहरहाल वैलेंटाइन की कहानी और लोगों कि व्यक्तिगत राय के बाद अब बारी है आपकी आप कॉमेंट करके अपनी राय हमें जरूर बताएं कि आपको क्या लगता है कि भारत में वैलेंटाइन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए या नहीं और किस तरह से मना रहें हैं अपना वैलेंटाइन डे और ये पूरा वैलेंटाइन वीक जल्दी-जल्दी कॉमेंट करके बताइए क्या है आपकी राय।