फरवरी का महीना प्यार में डूबे हुए लोगों के लिए बहुत ही हसीन होता है। इसी महीने से वेलेंटाइन वीक की शुरुवात होती है। जिसका पहला दिन 7 फरवरी को रोज डे के रुप में सलिब्रेट किया जाता है। जिसकी शुरुआत आज से हो रही है। जी हां आज रोज डे है। आज के दिन का हर प्रेमी और प्रेमिका बेसब्री से इंतजार करते है जिसमें आज वह एक दूसरे को लाल गुलाब देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। पर अगर वह पहले से किसी रिलेशनशिप में होंते हैं तो रेड रोज का बुके या रोड रोज एक दूसरे को देकर इसे सेलिब्रेट करते हैं। इसमें रेड कलर के कपड़े डिनर में लाल गुलाब कि ही पत्तियों आदि से टेबल को भी बहुत से लोग सजाना पसंद करते हैं। पर इन सबसे पहले क्या कभी आपने यह सोचा है कि आखिर इस रोज डे की शुरुवात कैसे हुई थी। आखिर क्यों इसे वैलेंटाइन वीक के सबसे पहले दिन ही मनाया जाता है। तो जिन्हें पता है वह जल्दी से कॉमेंट में बता दें और जिन्हें नहीं पता है उनके लिए हम हाजिर हैं ये मजेदार सी कहानी लेकर रोज डे इस खास दिन पर।
क्या है Rose Day का इतिहास
तो इस कहानी को शुरु करने से पहले आपकों बता दें कि इसके बारे में कोई आधिकारिक यानी ऑफीशियल जानकारी कहीं किसी के पास या किसी भी किताब में नहीं मौजूद है पर माना ऐसा जाता है कि विक्टोरियन लोग स्नेह यानी प्यार की निशानी के रूप में एक दूसरे को गुलाब देकर प्यार अभिव्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके अलावा रोमन पौराणिक कथाओं के अनुसार गुलाब के फूल को रहस्य और जुनून का प्रतीक माना जाता था। इसका इतिहास रोम प्रचीन सभ्यता से जुड़ा हुआ माना जाता है। जहां पर अपने प्रेम को व्यक्त करने के लिए लोग फूलों का सहारा लेते हैं जिसमें गुलाब को विशेष स्थान दिया गया है। जिसमें प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे को गुलाब देते और लेते थे। इसके बाद धीरे-धीरे यह अपने प्यार को इजहार करने और इमोशंस को बंया करने का जरिया बन गया और सभी लवर्स इसे एक विशेष स्थान देने लगे। कुछ ही समय में यह लगभग पूरी दुनिया में प्रसिध्द हो गया और न सिर्फ प्रेमी जोड़ो बल्कि दोस्तों फैमिली मेबंर्स और हर किसी के लिए लोग गुलाब देकर अपने इमोंशंस को एक्सप्रेस करने के लिए इस्तेमाल करने लगे। इसके बाद 20वीं सदी के अंत से वैलेंटाइन वीक की शुरुवात के रूप में इसे मनाया जाने लगा और रोज डे की परंपरा की शुरुवात हो गयी।
यह है वैलेंटाइन की कहानी
वैलेंटाइन वीक चल रहा है तो आपकों वैलेंटाइन डे के बारे भी बता दें कि आखिर उसकी कहानी क्या है। दरअसल वैलेंटाइन को लोग 14 फरवरी को उनके द्वारा किए गए प्यार और समर्पण लिए याद करते हैं। क्योंकि वह प्रेम को ही जीवन मानते थे जिसके चलते उन्होंने उस समय का राजा का भी विरोध कर दिया था। जिसके चलते उन्हें फांसी की भी सजा सुना दी गयी। पर वह अपने इरादों से पीछे नहीं हटे और हंसते-हंसते सूली पर लटक गए।
हर रंग के गुलाब की अपनी कहानी
खैर ये अब तक तो हुई रोज डे की पूरी कहानी और क्या है रोज डे वह पर अब आखिर में रोज यानी गुलाब के बारें में भी जान लेतें हैं। क्योंकि अब तक सिर्फ मुख्यता लाल गुलाब की बात कि है। पर इसके अलावा कई और अन्य रंग के गुलाब भी होते हैं। तो आइए जानते हैं क्या कहते हैं सभी गुलाब- तो सबसे पहले लाल गुलाब ही जिसकी अब तक हम बात करते आए हैं। यह प्रेम का प्रतीक होता है। तो वहीं सफेद गुलाब शांती और पवित्रता का प्रतीक होता है जबकि इसके पीला कलर का रोज दोस्ती का प्रतीक होता है और अंत गुलाबी रंग के गुलाब की बात करें तो यह आभार यानी थैंकफुल होने साथ ही खुशी का प्रतीक होता है। तो यह थी रोज डे और रोज यानी गुलाब की पूरी कहानी तो खैर महने तो कहानी बता दी पर अब बारी आप लोंगो की हैं। जल्दी से कॉमेंट करके बताइए कैसी लगी कहानी और आप कैसे सैलिब्रेट कर रहे हैं अपना रोज डे।