लखनऊ डेस्कः धरती से जून 2024 में स्पेस के लिए रवना हुई भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अब चंद दिनों बाद वापस पृथ्वी पर आने के तैयार। बता दें कि सुनीता विलियम्स इसी यानी मार्च महीने कि ही 19 या 20 तारीख को पृथ्वी पर कदम रखेंगी। पर अगर बात बात करें सुनीता के स्पेस रवाना होने को लेकर तो जब वह स्पेस की ओर अपने कदम बढ़ा रहीं थी। तब शायद उन्होंने नहीं सोचा होगा कि इतना लम्बा सयम उन्हें पृथ्वी से दूर गुजारना पड़ेगा। बताते चलें कि नासा की ओर से सुनीता विलियम्स और उनके साथ बैरी बुच विल्मोर को पहले सिर्फ 8 दिनों के लिए ISS यानी इण्टरनैशनल स्पेस स्टेशन पर भेजा गया था। पर थ्रस्टर की खराबी के कारण वह 9 महीने के लम्बे समय तक वहीं फंसे रहे। पर अब जल्द ही वह दोनों वापस धरती पर लौटने वाले हैं।
आने के बाद भी नहीं जा पाएंगी घर !
खैर यह तो ठीक है कि सुनीता और उनके साथी सहकर्मी जलद ही पृथ्वी पर लौटने वाले हैं। पर उसके बाद सवाल यह उठ रहा है कि स्पेस से आने के बाद सुनीता का जीवन कैसा होने वाला है, वह किस तरह से रहेंगी जबकि अपने घर कब जाएंगी। तो आपको बता दें कि 9 महीने का लम्बा समय बिताने के बाद सुनीता के लिए परिस्थितियां पहले की तरह आसान तो बिल्कुल नहीं रहने वाली हैं। उनका जीवन कुछ समय के लिए पर पूरा बदलने वाला है। जहां पर सबसे पहले तो आपको बता दें कि 19 या 20 मार्च को पृथ्वी पर उतरने के बाद भी वह घर नहीं जा सकेंगी। करीब 42 दिनों तक वह नासा की देखरेख में अपनी ट्रेनिंग पूरी करेंगी जिसमें उनकी फिटनेस देखी जाएगी। साथ ही बहुत सारे टेस्ट से भी उन्हें गुजरना पड़ेगा। यही नहीं इन दिनों के बीच वह दोबारा से धरती पर खड़े होना, चलना बैठना आदि भी सीखेंगी जिसे अंग्रेजी भाषा में कहें तो बेबी स्टेप्स के साथ दोबारा से शुरुवात करेंगी।
क्या होता 9 महीने अंतरिक्ष में रहने से ?
आपको बता दें कि अंतरिक्ष में 8 से 10 महीने बिताना अच्छी बात नहीं है। इतने लम्बे समय तक स्पेस में रहने के कारण शरीर मे बहुत से परिनवर्तन देखने को मिलते हैं। जिसमें लम्बे समय तक स्पेस स्टेशन पर रुकते ही नासा एस्ट्रोनॉट के शरीर पर पड़ने वाले असर की स्टडी करने लगता है। दरअसल नासा का एक प्रोग्राम भी चल रहा है, जिसमें 3.5 महीने रुकने पर शरीर पर क्या असर होता है। आठ महीने रुकने पर और उससे ज्यादा रुकने पर क्या होता है। यही कारण है कि धरती पर आने के बाद सुनीता को 42 दिन की कठिन ट्रेनिंग करनी पड़ेगी। जिसमें बहुत सारी चीजों को ध्यान में रखा जाएगा। पर इन सबके बावजूद आपको बता दें कि सुनीता इतनी आसानी से साधारण जीवन नहीं व्यतीत कर पाएंगी। इसके लिए उनको कुछ और समय लगेगा दोबारा से सभी चीजों को आसान बनाने के लिए।
क्या बोलीं सुनीता विलियम्स ?
इन सबके बाद अब अगर सुनीता विलियम्स की ओर रुख करें और उनकी खुद की जुबानी सुनें तो सुनीता ने हाल ही में कहा कि मैं अंतरिक्ष में काफी लंबे समय से हूं और अब मैं याद करने की कोशिश कर रही हूं कि चलते कैसे हैं और बैठते कैसे हैं। मैं कब से चली नहीं हूं, मैं कब से बैठी नहीं हूं, मैं कब से लेटी नहीं हूं। सुनीता विलियम्स के इस बयान से ही पता लगा है कि अंतरिक्ष में अब तक 9 महीने गुजारना उन के लिए कैसा रहा है और कितना मुश्किल रहा है. वो चलना तक भूल गई हैं. यह ही वजह है कि पहले उनका पूरी तरह से इलाज किया जाएगा, कई तरह के टेस्ट भी किए जाएंगे इसी के बाद उनको उनके घर भेजा जाएगा। बताते चलें डॉक्टर्स का कहना है कि अंतरिक्षयात्रियों को एक बार फिर से अपनी ताकत हासिल करने में कम से कम 6 हफ्ते का समय जरूर लग जाएगा।