Lucknow Desk: बिहार में सीएम नीतीश कुमार की सेहत को लेकर सियासत अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब शराबबंदी को लेकर नया विवाद शुरु हो गया। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बिहार की शराबबंदी को लेकर एक ऐसा विवादित बयान दिया है कि नीतीश सरकार के सिस्टम पर सवाल उठने लगे हैं। इसके साथ ही राज्य में किस तरह नशे का व्यापार हो रहा है इसको भी लेकर सवाल खड़ा हो गया है।
शराबबंदी को लेकर क्या बोले आरके सिंह?
दरअसल, बिहार के आरा के बड़हरा प्रखंड के सरैयां में भीखम दास के मठिया प्रांगण में एक किसान संगठन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरके सिंह ने कहा कि बिहार में शराबबंदी से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। आज के युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। युवा शराब के अवैध धंधे में भी जुट रहे हैं। क्योंकि युवाओँ को यह काम आसान लग रहा है। शराबबंदी को हटाने के लिए मैं भी सहमत हूं।
वहीं आगे आरके सिंह ने कहा कि इस कानून के कारण पुलिस-प्रशासन शराब माफियाओं को पकड़ने में व्यस्त रहता है, जिससे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
बिहार में 2016 से शराब बंद
आरके सिंह के इस विवादित बयान से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो सकती है। बता दें बिहार में 2016 से शराब बंद है। यह कानून नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धि के रूप में पेश किया था। जिसके बाद से इसकी जमकर आलोचना हुई थी।
कौन हैं आरके सिंह?
बता दें, आरके सिंह भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने साल 2014 से लेकर 2024 तक कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। चुनाव हारने के बाद से आरा में आरके सिंह लगातार एक्टिव हैं। आरके सिंह बिहार के सीनियर नेता में एक हैं। वह आरा के पूर्व सांसद हैं। वह 4 दिनों के दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचे थे। जहां वह जनता को संबोधित करते हुए कहे कि जितना काम संसदीय क्षेत्र में उन्होंने किया है, किसी सांसद ने नहीं किया। आगे भी कोई नहीं कर पाएगा, क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार को कभी पनपने ही नहीं दिया।
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