Lucknow Desk: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतियोगी परिक्षा को निष्पक्ष और नकलविहीन कराने को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है। सीएम योगी ने मिशन रोजगार को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। उन्होंने सहायक आचार्य पद की लिखित परीक्षा को निष्पक्ष और नकलविहीन बनाने के लिए विशेष तैयारियां की है। बता दें, परीक्षा 16 और 17 अप्रैल को दो पालियों में 6 जनपदों (आगरा, मेरठ, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी) के 52 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है। सीएम योगी ने स्पष्ट दिशा निर्देश दिया है कि राज्य में कोई भी भर्ती परीक्षा नकल या अनुचित तरीके से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए हर केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जा रही है। इसके साथ ही वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था की विशेष निगरानी
सीएम योगी ने जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि हर परीक्षा केंद्रों पर पूरी तरह सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की जाए। इसके साथ ही, आवश्यकतानुसार निषेधाज्ञा लागू करने का भी अधिकार जिलाधिकारी को सौंपा जाए। गोपनीय सामग्री को कोषागार से आयोग कार्यालय तक लाने और ले जाने के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए जाए।
प्रयागराज में सबसे ज्यादा अभ्यर्थी देंगे परीक्षा
बता दें, सहायक आचार्य पद की लिखित परीक्षा में कुल 82,876 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। इसमें सबसे ज्यादा प्रयागराज से परीक्षार्थी शामिल होंगे। प्रयागराज में 18,240, मेरठ में 16,010, गोरखपुर में 15,602, लखनऊ में 13,528, वाराणसी में 10,958 और आगरा में 8,538 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। वहीं मेरठ, प्रयागराज और गोरखपुर में सर्वाधिक 10-10 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया जाएगा, वहीं, लखनऊ में 9, वाराणसी में 7 और आगरा में 6 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
पारदर्शिता और शुचिता पर विशेष जोर
सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि किसी भी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया से युवाओं का भरोसा लौटे। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग और प्रशासन की संयुक्त निगरानी में परीक्षा कराई जा रही है। बता दें, आयोग के अध्यक्ष, नामित सदस्य, जनपदीय पर्यवेक्षक और केंद्र के पर्यवेक्षक ने पूरी जिम्मेदारी ले रखी है कि परीक्षा पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ कराई जाएगी।