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आज से Waqf Law पर कानूनी लड़ाई शुरू, Supreme Court की 73 याचिकाएं में से 10 पर होगी सुनवाई
Tuesday, 15 Apr 2025 17:00 pm
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Lucknow Desk: Waqf कानून को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। संसद से लेकर सड़क तक Waqf कानून को लेकर हंगामा मचा है। अब यह लड़ाई Supreme Court में पहुंच गई है। इस कानून पर आज यानी 16 अप्रैल से Supreme Court में अहम सुनवाई शुरू हो रही है। बता दें, कोर्ट में इस कानून को लेकर अब तक 73 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। इसमें से आज 10 याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी।

दरअसल, लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से Waqf Amendment Bill पास होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद 8 अप्रैल से वक्फ कानून पूरे देश में लागू हो गया है। संसद में इस कानून को लेकर लंबी बहस चली। इस कानून के लागू होने के बाद से बवाल थमने का नाम नहीं ले रही है।

आज दोपहर 2 बजे शुरू होगी सुनवाई

Waqf कानून के विरोध में तमाम विपक्षी पार्टियां एक साथ हैं। वहीं इसके अलावा जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच आज Supreme Court में सुनवाई होने जा रही है। Supreme Court में सुनवाई आज दोपहर 2 बजे के लिए शेड्यूल किया गया है। वक्फ कानून के खिलाफ कई विपक्षी पार्टियों के साथ धार्मिक संगठनों ने भी Supreme Court में याचिका दाखिल की है।

किस-किस ने दायर की है याचिकाएं?

जानकारी के अनुसार, बता दें, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ जिन 10 याचिकाओं की सुनवाई करेगी। उसमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, AAP विधायक अमानतुल्लाह खान, RJD सांसद मनोज कुमार झा, एसोसिएशन फॉर प्रेटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, ऑल केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी और मोहम्मद फजलुर्रहीम की ओर से दायर याचिकाएं शामिल है। 

Waqf कानून के खिलाफ कुछ दायर याचिकाओं में इस कानून को असंवैधानिक कहा गया और इसे रद्द करने की मांग की गई है। वहीं, कुछ याचिकाओं में इसे मनमाना और मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते गया।

कानून के समर्थन में याचिका दाखिल

वहीं Waqf कानून के समर्थन में कुछ राज्यों की सरकार ने याचिका दाखिल की। जिसमें हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और असम समेत 7 राज्य शामिल हैंइस याचिका में तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी जानी चाहिए।