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कल रखा जाएगा Kalashtami का व्रत, जानिए काल भैरव की पूजा सही मुहूर्त और मंत्र
Saturday, 19 Apr 2025 17:00 pm
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Kalashtami 2025: कल यानी 21 अप्रैल को Kalashtami का व्रत रखा जाएगा। यह दिन भगवान शिव के भैरव स्वरूप की उपासना करने वाला है। दरअसल, भैरव के तीन रूप हैं काल भैरव, बटुक भैरव और स्वर्णाकर्षण भैरव। जिसमें से Kalashtami के दिन काल भैरव के रुप में पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस दिन भगवान शंकर यानी शिव के काल भैरव स्वरूप की उपासना करने से जीवन की सारी परेशानियां खत्म हो जाती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनचाही इच्छाएं पूरी होती है। यह व्रत हर महीने के कृ्ष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखने का विधान है।

Kalashtami 2025 की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 20 अप्रैल को शाम 7 बजकर 1 मिनट पर है। इसका समापन अष्टमी तिथि 21 अप्रैल को शाम 6 बजकर 58 मिनट पर है। कालाष्टमी के दिन निशिता काल की पूजा का समय रात 12 बजकर 4 मिनट से रात 12 बजकर 51 मिनट तक है और ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 48 मिनट बजे से सुबह 5 बजकर 35 मिनट तक है।

इन मंत्रों का करें Kalashtami के दिन जाप

ॐ कालभैरवाय नम:

ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि

ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि

ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं

Kalashtami व्रत का क्या है महत्व?

बता दें, Kalashtami का व्रत करने और काल भैरव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। इसके साथ ही शनि और राहु के दुष्प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है। काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना गया है। इसीलिए इस दिन काल भैरव की उपासना करना चाहिए।