Lucknow Desk: आज Supreme Court में Waqf Amendment Act पर सुनवाई होनी है। इससे पहले 17 अप्रैल को कोर्ट ने केंद्र को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने, सेंट्रल वक्फ काउंसिल समेत बोर्ड्स में नई नियुक्तियों पर रोक लगा दिया था।
केंद्र ने क्या कहा ?
केंद्र ने 25 अप्रैल को दायर की गई हलफनामे में कहा कि कानून पूरी तरह संवैधानिक है। यह संसद से पास हुआ है, इसलिए इस पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।
वहीं 1332 पन्नों के हलफनामे में केंद्र सरकार ने दावा किया 2013 के बाद से वक्फ संपत्तियों में 20 लाख एकड़ से ज्यादा का इजाफा हुआ। इस वजह से कई बार निजी और सरकारी जमीनों पर विवाद हुआ।
जिस पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी AIMPLB ने सरकार के आंकड़ों को गलत बताया, इसके साथ ही कोर्ट से झूठा हलफनामा देने वाले वाले अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की थी।
बता दें, नए Waqf Amendment Act के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें से कोर्ट ने सिर्फ पांच मुख्य याचिकाओं पर ही सुनवाई कर रहा है। इसमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है।
तीन जजों की बेंच कर रही सुनवाई
Waqf Amendment Act की संवैधानिक वैधता को सुनौती देने वाली याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। इस बेंच में जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन भी शामिल हैं। यह बेंच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, असदुद्दीन ओवैसी, डीमके की ओर से दाखिल याचिकाओं समेत कुल 5 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
वक्फ कानून पर हुई हिंसा
Waqf Amendment Act के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 11-12 अप्रैल को हिंसा हुई थी। भीड़ ने बमबारी की थी और सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों पर भी हमला किया था। इस हिंसा में 3 लोग मारे गए थे, जबकि 15 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। वहीं 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था।