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CSK vs RR CSK vs RR: राजस्थान से हार के बाद धोनी ने गेंदबाजो पर निकाली भड़ास!
Wednesday, 21 May 2025 00:00 am
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आईपीएल 2025 चेन्नई सूपर किंग्स के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है। टीम टूर्नामेंट में अब तक 13 मुकाबले खेल कर सिर्फ और सिर्फ तीन मुकाबले जीतकर 6 प्वांइट्स के साथ अंकतालिका में सबसे नीचे दसवें नंबर पर हैं। जो साफ तौर पर पूरी कहानी बयां कर रहा है कि चेन्नई का प्रदर्शन क्या कुछ रहा है और वैसा ही कल चेन्नई के साथ राजस्थान के खिलाफ खेले गए मुकाबले में देखने को मिला जहां पर चेन्नई की कहानी बिल्कुल इस पूरे सीजन की तरह रही जहां राजस्थान ने आसानी से महज 17.1 ओवर में चेन्नई को 6 विकेट से हरा दिया और चेन्नई को इस सीजन की सबसे फिसड्डी टीम बना दिया। जी हां आपको दें कि सीएसके और आरआर के बीच का ये मैच नंबर 9 और 10 की लडाई थी। जहां पर जो टीम जीतती तो नंबर 9 पर फिनिश करती पर हारने को वाली टीम 10 पर रहना पड़ता और चेन्नई के साथ यही हुआ। साथ ही आपको बताते चलें कि ये आईपीएल इतिहास में पहली बार है जब चेन्नई लगातार दो साल कोई फाइनल नहीं खेल पाई। और इन्हीं सब चीजों के चलते जब राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ हार के बाद धोनी पोस्ट मैच शो में आए तो गेंदबाजो और पावरप्ले में बैटिंग पर बरस पड़े।

क्या बोले धोनी ?

धोनी ने कहा अगर आप हमारे द्वारा बनाए गए रनों की संख्या को देखें, तो यह बहुत अच्छा था, लेकिन आपको विकेटों की संख्या भी देखनी होगी क्योंकि इससे निचले मध्यक्रम पर दबाव पड़ता है कि आप 20 ओवर तक बल्लेबाजी नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि ब्रेविस की पारी बहुत अच्छी थी, वह मौके भुना रहा था और मुझे लगता है कि रन-रेट भी अच्छा था, यही वह चरण है जिसमें हम थोड़ा सुधार करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि रन-रेट में सुधार हुआ था, लेकिन हम 1-2 अतिरिक्त विकेट खोने से चूक गए।

इसके बाद आगे उन्होंने आगे पावरप्ले पर बात करते हुए कहा कि

वह (कम्बोज) ऐसा खिलाड़ी है जिसे स्विंग नहीं मिलती, लेकिन उसे कुछ सीम मूवमेंट मिलती है, गेंद स्पीड गन से ज्यादा जोर से हिट होती है, उसने जिम्मेदारी ली है और वह ऐसा खिलाड़ी है जो अच्छी यॉर्कर फेंक सकता है।यह (पावरप्ले) एक ऐसा क्षेत्र है जहां हमारे लिए एक कमी है, हम पहले छह ओवरों में बहुत अधिक रन नहीं देना चाहते। उसने पावरप्ले में 3 ओवर फेंके हैं, जो मुझे लगता है कि तब मुश्किल होता है जब गेंद ज्यादा मूव नहीं कर रही होती है और जब बल्लेबाज अच्छी तरह से सेट हो जाते हैं। मुझे लगता है कि आपको निरंतरता की तलाश करनी चाहिए, जो 200 स्ट्राइक-रेट की तलाश में होने पर पाना मुश्किल है। बल्लेबाजों को खुद का समर्थन करने की जरूरत है। सभी युवा बल्लेबाजों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे अपने पहले सीजन की तरह ही प्रदर्शन करें। आपको और अधिक निरंतरता की जरूरत है, जो आपको आगे चलकर एक बल्लेबाज के रूप में विकसित होने में मदद करेगी।

तो यहां पर आप साफ देख सकते हैं कि भले ही धोनी ने अंशुल कंबोज की तारीफ की है पर पावरप्ले कैसा रहा है उनकी टीम के लिए वो किसी का नाम लिए बिना सभी गेंदबाजों को टार्गेट कर दिया है। साथ ही ना सिर्फ गेंदबाजी में पावरप्ले बल्कि बल्लेबाजी में भी चेन्नई का यहा हाल रहा है। जहां पर सभी अन्य टीमें पावरप्ले में 60-70 रन बना रही थीं। तो चेन्नई का औसत महज 40 का आसपास का था। जो टीम की हार की बहुत बड़ी वजह थी क्योंकि उससे बाकि बल्लेबाजों पर दबाव बन जाता था। और इसे भी धोनी ने प्वांइट आउट करते हुए एक बड़ी वजह बताया।

आय़ूष और सूर्यवंशी की तारीफ

बतातें चलें कि अंत में धोनी ने अपनी टीम के महज 17 साल आयूष म्हात्रे और अगेंस्ट टीम के 14 साल युवा भारतीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी की तारीफ कि और आगे के लिए सलाह भी दी। धोनी ने कहा, 'वैभव सूर्यवंशी और आयुष म्हात्रे जैसे खिलाड़ियों पर निरंतरता जरूरी है, लेकिन ये ऐसे बल्लेबाज हैं जो स्पिनर्स को भी अच्छा खेलते हैं। मेरी यही सलाह है कि अपने ऊपर ज्यादा दबाव ना आने दें क्योंकि एक अच्छे सीजन के बाद आपसे काफी उम्मीदें होती हैं। तो ऐसे में सिर्फ अपने खेल पर फोकस करें।

खैर तो ये था धोनी का पूरा बयान जहां पर धोनी ने कई गलतियां गिनाई टीम की अब यहां से टीम का महज एक मैच शेष है। तो ऐसे में देखना होगा वहां पर टीम किस कॉम्बिनेशन के साथ उतरेगी और क्या जीत के साथ इस खराब सीजन को अलविदा कह पाएगी या फिर 14 मैचों में महज 3 जीत तक ही सीमित रह जाएगी। वैसे अंत में बता दें कि भले ही चेन्नई आखिरी मैच जीतकर राजस्थान के समान अंक हासिल कर लेगी पर फिर भी टीम आखिरी पायदान पर ही रहेगी। जिसका सबसे बड़ा कारण उनका नेट रनरेट है जो बहुत ज्यादा माइनस में है। और सिर्फ एक जीत के दम पर उसका बेहतर होना लगभग नामुमकिन है।