Lucknow Desk : सनातन धर्म में हरतालिका तीज का पर्व काफी अहम माना जाता हैं। ये हर साल भाद्रपद की शुक्ल तृतीया पर हरतालिका तीज का उपवास रखा जाता हैं। इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और साथ - साथ बिना पानी के व्रत रखती हैं। बता दे कि महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती की रेत या मिट्टी की मदद से एक मूर्ति बनाती हैं और उसकी पूजा-अर्चना करती हैं। वहीं कुवांरी कन्याएं योग्य वर पाने की लालसा से व्रत करती हैं। इस दिन शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है।
कब है हरतालिका तीज 2025?
द्रिक पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि का आरंभ 25 अगस्त की दोपहर 12.34 बजे हो जाएगा। जो 26 अगस्त की दोपहर 01.54 तक रहेगा। चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि की मान्यता होती है, ऐसे में 26 अगस्त को हरतालिका तीज मनाई जाएगी।
गौरी-शंकर पूजा विधि
हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के पश्चात् साफ-सुथरे विशेषकर हरे या लाल रंग के वस्त्र पहनें। शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और स्वयं द्वारा बनाई गई माता पर्वती, भगवान शिव और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। सबसे पहले गणेश जी का विधिवत पूजन करें और इसके बाद गौरी-शंकर की विधि-विधान से पूजन करें। पूजा में मां गौरी को 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करें और हरतालिका तीज व्रत कथा जरूर सुनें। आप पूजा में इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं -
पार्वती जी के मंत्र -
1. ओम पार्वत्यै नमः
ओम उमाये नमः
2. या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
3. मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाने का मंत्र - सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्।।
4. मनचाहे वर के लिए मंत्र - गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।