Lucknow Desk : जैसे की पता है कि कल से पितृ पक्ष की शुरुवात हो रही हैं। जानकारी के लिए बता दे कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से सोलह दिवसीय श्राद्ध प्रारंभ होते हैं और इस साल श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 को हो रही है। इस दिन चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) भी लगेगा। लेकिन ग्रहण का पितृ पक्ष पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कहा जाता है कि विधि विधान से पितरों के नाम से तर्पण आदि करने से वंश की वृद्धि होती है और पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति को सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। वरना पितृ नाराज हो जाते हैं। अगर आप इन नियमों की अनदेखी करते हैं तो पितर नाराज हो जाते हैं। आइए जानते हैं पितृपक्ष के नियम इस दौरान क्या करें क्या न करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध या तर्पण दोपहर 12 बजे के बाद करने से अनुरूप फल प्राप्त होते हैं। इसके अलावा दिन में कुतुप और रोहिणी मुहूर्त श्राद्ध कर्म के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध करने के लिए किसी योग्य ब्राह्मण को घर पर बुलाकर मंत्रों का उच्चारण करें और पूजा के बाद जल से तर्पण करें। इसके बाद गाय, कुत्ते और कौवे के लिए भोजन निकालें। इन जीवों को भोजन देते समय अपने पितरों का स्मरण जरूर करें। शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, दुकान का मुहूर्त, नया कारोबार का आरंभ आदि नहीं करना चाहिए। पितृपक्ष में किसी से भी झूठ न बोलें न ही अपशब्दों का प्रयोग करें। किसी के साथ भी छल कपट आदि न करें। क्योंकि ऐसा करने से आपके पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं। साथ ही पितृ पक्ष में ब्रह्मचर्य का पालन करना बेहद जरूरी है।