नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक बरकरार रखते हुए गुरुवार 27 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे दोनों पक्ष को बुलाया है। बता दे कि चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुबह से दोपहर एक बजे और फिर साढ़े चार बजे दोबारा सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने दोनों पक्ष की दलीलों सुनीं। इसके बाद ASI से पूछा कि क्या 31 अगस्त तक सर्वे का काम पूरा हो जाएगा?
वहीं ASI के वैज्ञानिक आलोक त्रिपाठी ने कोर्ट में हलफनामा दिया है। उन्होने कहा कि जो भी काम होगा उसमें किसी प्रकार कोई नुकसान नहीं होगा। इस मुस्लिम पक्ष के वकील ने मांगा तो कोर्ट ने नहीं दिया और गुरुवार दोपहर 3:30 बजे सुनवाई का आदेश दे दिया। बता दे कि ज्ञानवापी में सर्वे पर रोक लगाने की मांग करते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि उसे डर है कि ऐतिहासिक संरचना गिर सकती है। यह भी कहा कि ASI के आश्वासन पर उसे भरोसा नहीं है।
सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
बता दे कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ही ज्ञानवापी मामले में सर्वे का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सोमवार 24 जुलाई को मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगा थी।
क्या है मामला
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में पांच महिला पक्षकारों ने वाराणसी के सिविल जज की अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने शृंगार गौरी मंदिर में पूजा और दर्शन करने की अनुमति मांगते हुए वाद दाखिल किया था। सिविल कोर्ट ने मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया था। सर्वे के बाद महिला पक्षकारों ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग है। जबकि, अंजुमन इंतेजामियां मसाजिद कमेटी का कहना था कि वह शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है। इसी विवाद को सुलझाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को अदालत ने वैज्ञानिक सर्वे करने का आदेश दे दिया।