नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हर दिन महिलाओं की हत्या की खबरें सामने आ रहे है। शुक्रवार को मालवीय नगर इलाके में कॉलेज के बाहर लड़की पर रॉड से हमला किया गया। जहां मौके पर ही लड़की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गई है। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने आरोपी को यूपी के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है।
लोहे के रॉड से किया हमला
दरअसल, अरविंदो कॉलेज के बाहर लड़की पर किसी शख्स ने लोहे के रॉड से हमला कर दिया। इस हमले के बाद लड़की बुरी तरह घायल हो गई। कुछ समय बाद लड़की की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी साउथ मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल शुरू की। पुलिस ने शव को पोस्टपॉर्टम के लिए भेज कर आगे की कार्यवाही में जुट गई।
आरोपी हुआ गिरफ्तार
बता दे कि लड़की पर रॉड से हमला कर आरोपी फरार हो गया था। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान संगम विहार में रहने वाले 28 वर्षीय इरफान के रूप में हुई है। इरफान ने पुलिस को शुरूआती पूछताछ में बताया है कि वो नरगिस से शादी करना चाहता था, लेकिन नरगिस ने शादी से मना कर दिया, जिस वजह से उसने उसकी हत्या कर दी।
दिल्ली में 24 घण्टें में दो हत्याएं
दिल्ली के मालवीय नगर में शुक्रवार को दिनदहाड़े एक लड़की की हत्या हो गई। वहीं एक दिन पहले यानी 27 जुलाई को डाबरी इलाके में एक 23 साल के युवक ने 42 साल की महिला की गोली मारकर हत्या कर दी। महिला की हत्या करने के बाद युवक वहां से फरार हो गया और थोड़ी देर बाद खुद के गोली मारकर जान दे दी। गोली चलने से मौके पर अफरा-तफरी मच गई थी। सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत पुलिस की टीम पहुंची और छानबीन शुरू कर दी। पुलिस की जांच में पता चला है कि दोनों के बीच दोस्ती थी। महिला की मौत के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और लोगों से पूछताछ के बाद आरोपी की पहचान की। जब पुलिस टीम आरोपी के घर पहुंची तो वो भी संदिग्ध हालत में मृत मिला।
महिला आयोग ने महिलाओं की हत्या पर उठाया सवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने 24 घंटे के भीतर महिलाओं की हत्या होने पर महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया- दिल्ली में जहां एक महिला को उसके घर के बाहर गोली मारके उसकी हत्या की गई, वहीं दूसरी तरह मालवीय नगर जैसे पॉश इलाके में लड़की को रॉड से मारा गया। दिल्ली बेहद असुरक्षित है। किसी को फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ अखबार की खबरों में लड़कियों के नाम बदल जाते हैं, अपराध नहीं रुकते।