Lucknow Desk : शनिवार को माफिया अतीक अहमद के वकील को पुलिस ने लखनऊ के विभूति खंड में होटल हयात रीजेंसी के पास से गिरफ्तार किया है। माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार के सदस्यों का केस हाईकोर्ट व डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लड़ने वाले विजय मिश्रा के खिलाफ दो महीने पहले तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा प्रयागराज के अतरसुइया थाने में एक फर्नीचर व्यवसायी ने दर्ज कराया था। बताते हैं कि उन्हें इसी सिलसिले में पकड़ा गया है। शनिवार को विजय मिश्र किसी काम से लखनऊ गए थे। रात करीब 11 बजे लखनऊ एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया। एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज पुलिस की ओर से विजय की गिरफ्तारी को लेकर मदद मांगी गई थी।
पुलिस ने नहीं की गिरफ्तारी की पुष्टि
हालांकि प्रयागराज पुलिस ने अभी विजय मिश्र की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। विजय मिश्रा ने अतीक और अशरफ के कई मामले देखे और मुकदमे लड़े थे। माना जाता है कि वह अतीक के बेहद करीबी हैं। अतीक के दूसरे वकील खान शौलत हनीफ ने पुलिस कस्टडी के दौरान आरोप लगाया था कि उमेश पाल के कचहरी से निकलने के दौरान विजय मिश्र ने अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिये सूचना दी थी। बताते हैं कि इसके बाद ही 24 फरवरी को अतीक-अशरफ के गुर्गो ने उसका पीछा किया और घर के बाहर उमेश पाल और उसके दो गनर को गोलियों से भून डाला था।
कौन थी महिला, ली जा रही जानकारी
विजय मिश्रा के साथ हयात होटल में कौन महिला रुकी थी, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इस संबंध में पुलिस की जांच चल रही है। सूत्रों का दावा है कि महिला का माफिया अतीक के साथ सीधा संबंध है। हालांकि, अभी तक उसकी पहचान सामने नहीं आई है। विजय मिश्रा को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि अतीक और अशरफ की हत्या की रात यानी 15 अप्रैल को वह कॉल्विन हॉस्पिटल के बाहर मौजूद था।
शाइस्ता के अलावा अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा पर भी केस दर्ज
शाइस्ता के अलावा अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा पर भी केस दर्ज है। पिछले दिनों विजय मिश्रा ने अतीक के नाबालिग बेटों की कस्टडी अतीक के बड़े बहनोई को देने की वकालत की थी। उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने के आरोपी दोनों नाबालिग बेटों को पुलिस ने रिमांड होम में रखा है।
विजय मिश्र अशरफ के मुकदमे देखते थे
विजय मिश्र अतीक के भाई अशरफ के मुकदमे देखते था। कुछ मामलों में वह अतीक के भी कानूनी सलाहकार रहे, मुकदमे लड़े। विजय मिश्र को अतीक का बेहद करीबी माना जाता रहा है। चर्चा यह तक थी कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद साबरमती जेल में बंद अतीक का जो ऑडियो वायरल हुआ था, उसमें बात विजय मिश्र से ही हो रही थी। इसमें दावा किया गया था कि उमेश पाल हत्याकांड अभी नहीं कराना चाहिए था, क्योंकि उस वक्त विधानसभा का सत्र चल रहा था।