इटावा: साल 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति पार्टियों की टकराहट बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद से बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया को एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को दो साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के आने के बाद से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई है। ये सजा लगभग 12 साल पुराने मामले में सजा सुनाई गई है। बता दे कि एक ओर जहां कठेरिया के संसदीय सदस्यता पर तलवार लटक रही है तो वहीं इटावा में समीकरण भी बदल सकते हैं। लेकिन इससे समाजवादी पार्टी की राहें आसान नहीं होगी।
अब जाएगी लोकसभा सदस्यता?
कोर्ट का फैसला आने के बाद से रामशंकर कठेरिया की मुश्किलें बढ गई है। ऐसे में चर्चाएं हैं कि अगर रामशंकर कठेरिया की सजा पर रोक नहीं लगती है तो उनकी लोकसभा सदस्यता भी राहुल गांधी की तरह ही खत्म की जा सकती है। सजा के मामले में बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया का कहना है कि जिस मामले में सजा दी गई है उन्होंने ऐसा कुछ किया ही नहीं था। हालांकि, उन्होंने कहा है कि वह कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं और वह अपने अधिकारों के तहत आगे की अदालत में अपील करेंगे।
वहीं कठेरिया के खिलाफ फैसला आने के बाद इटावा की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव भी मौजूदा सांसद ही लड़ेंगे।
क्या है पूरा मामला?
थाना हरीपर्वत में दर्ज मामले के अनुसार, टोरेंट पावर के सुरक्षा निरीक्षक समेधी लाल ने बीजेपी नेता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि 16 नवंबर 2011 को टोरेंट पावर लिमिटेड के साकेत माल स्थित ऑफिस में बिजली चोरी से संबंधित मामलों की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान करीब 12 बजे राम शंकर कठेरिया अपने 10-15 समर्थकों के साथ वहां आ गए और उन लोगों ने टोरेंट अधिकारी भावेश रसिक लाल शाह के कार्यालय में घुसकर मारपीट की, जिसमें उन्हें काफी चोट आई थी।
इसके बाद समेधी लाल की तहरीर पर सांसद कठेरिया पर धारा 147 और 323 में केस दर्ज किया गया। इस मामले में शनिवार (5 अगस्त) को कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई है।
सपा का गढ़ है इटावा
दरअसल, इटावा को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है। साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से बाजी मारी थी। साल 2014 के चुनाव में जहां अशोक दोहरे ने यहां से जीत दर्ज की थी। तो वहीं साल 2019 के चुनाव में प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने सपा की उम्मीदवार कमलेश कठेरिया को मात दी थी। दावा किया जा रहा है अगर सजा के बाद कठेरिया की सदस्यता चली जाती है और वह अयोग्य ठहाराए जाते हैं तो पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने के लिए दूसरे नामों की चर्चा शुरू हो सकती है।
कौन है रामशंकर कठेरिया?
सांसद रामशंकर कठेरिया आगरा से दो बार सांसद रहे हैं। पहली बार 2009 में आगरा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद 2014 में बीजेपी ने दोबारा टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की। 2014 में मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद वह एससी आयोग के अध्यक्ष भी रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने आगरा से उनका टिकट काट दिया। उनकी जगह वर्तमान में केंद्रीय राज्यमंत्री और सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को टिकट दिया गया था। कठेरिया को इटावा से टिकट दिया गया था।