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Gadar 2 ने पहले दिन ही सिनेमाघरों में मचाई तबाही Gadar 2 ने पहले दिन ही सिनेमाघरों में मचाई तबाही, जानें क्या है Gadar 2 की कहानी
Friday, 11 Aug 2023 17:00 pm
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नई दिल्ली:आखिरकार सनी देओल के फैंस का इंतेजार खत्म हो गया। सनी देओल स्टारर 'गदर' ने 22 साल बाद फिर बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा दिया है। बता दे कि फैंस Gadar 2 फिल्म का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, जो शुक्रवार यानी 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुआ। इस फिल्म का पहला पार्ट 'गदर' साल 2001 में रिलीज हुआ था। यही वो फिल्म थी जिसने सनी देओल को फैंस का फेवरेट एक्टर बनाया और उन्हें 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' का नारा दिया और 22 साल बाद फिर एक बार तारा सिंह बड़े पर्दे पर लौट आए है।

Gadar 2 की पहले दिन हुई बंपर कमाई

फिल्म Gadar 2 शुक्रवार सिनेमा लवर्स के लिए बेहद खास रहा, क्योंकि लंबे इंतजार के बाद गदर और ओएमजी जैसी दो बड़ी और ब्लॉकबस्टर फिल्मों के सीक्वल रिलीज हो चुके हैं। अब Gadar 2 का अर्ली स्टीमेट सामने आ चुका है। मिली जानकारी के अनुसार, इसका फर्स्ट डे कलेक्शन 40 करोड़ रहा।

क्या है Gadar 2 की कहानी

दरअसल, सनी देओल के फैंस का इंतेजार खत्म हो गया। 11 अगस्त को सिनेमाघरों में Gadar 2 की एंट्री ने तहलका मचा दिया। शुरुआत में नैरेटर नाना पाटेकर तारा सिंह और सकीना की कहानी सुनाते है। जिसमें वो बताते है कि तारा सिंह को कैसे सकीना मिली और उन्हें कैसे सकीना से प्यार हुआ। इसके बाद अशरफ अली अपनी बेटी (सकीना) को पाकिस्तान ले गया था। छोटे चरणजीत उर्फ जीते को अपनी मां की याद में रोते देखेंगे। गदर के अंत में तारा अपनी सकीना और जीते को पाकिस्तान से भारत वापस लाया था।

Gadar 2 की कहानी कुछ इस तरह है कि तारा सिंह एक ट्रक ड्राइवर है। वो आज भी सकीना से प्यार करता है और उसके लिए गाने गाता है। तारा का काम इंडियन आर्मी के पंजाब बेस के आसपास है, जहां कर्नल देवेंद्र रावत (गौरव चोपड़ा) काम करते हैं। तारा का बेटा चरणजीत उर्फ जीते बड़ा हो गया है और कॉलेज जाने लगा है। तारा चाहता है कि वो पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने। लेकिन जीते को धर्मेंद्र और राज कपूर की तरह मुंबई जाकर एक्टर बनना है। दूसरी तरफ पाकिस्तान में जनरल हामिद इकबाल, तारा सिंह से दुश्मनी कर बैठा है। जब तारा सिंह, सकीना को अशरफ अली से छुड़वाकर लाया था तब उसने हामिद के 40 जवानों को अकेले मार गिराया था। तब से उसे हिंदू और हिंदुस्तानियों से नफरत हो गई थी। अब उसकी जिंदगी का मकसद है तारा सिंह को ढूंढना और उसका खात्मा करना। इस बीच वो अपने सामने आने वाले हिंदू और हिंदुस्तानी इंसान पर खूब जुल्म कर रहा है।

ये समय 1971 का है जब पाकिस्तान के साथ भारत की लड़ाई होने जा रही है। इस बीच तारा सिंह का बेटा जीते पाकिस्तान पहुंच जाता है। तारा सिंह अपने बेटे को लाने के लिए एक बार फिर से पाकिस्तान जाना होता है। एक तरफ हामिद इकबाल अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए तारा किंह का राह देख रहा होता है। फिल्म में देखने वाली बात ये है कि क्या तारा सिंह अपने बेटे को पाकिस्तान से वापस भारत ला पाता है या नहीं।