Independence Day: भारत में स्वतंत्रता दिवस के जश्न को मनाने की तैयारी चल रही है। 15 अगस्त 1947 को हम भारतीय को अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी मिली थी। इस लिए हम भारतीय इसे स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते है। 15 अगस्त एक पर्व ही नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है। इस दिवस से जुड़े कई फैक्ट को लेकर आप लोग कंफ्यूज हो रहे होगे। पहले तो इस बार लोग स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ को लेकर ही सोच में डूबे है कि, आखिर भारत अपना कौन सा स्वतंत्रता दिवस मना रहा है 76वां या फिर 77वां।
76वां या 77वां कौन सा है स्वतंत्रता दिवस?
बता दे कि स्वतंत्रता दिवस की इस साल 2023 में कौन सी वर्षगांठ मनाई जाएगी 76वीं या फिर 77वीं, इसके लिए आप अगर 15 अगस्त 1947 से गिनती करते है जिस दिन भारत के स्वतंत्र राष्ट्र का आगाज हुआ है और जिस दिन भारत को आजादी मिली। अगर 1947 से स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ की गणना की जाती है तो 77वां स्वतंत्रता दिवस माना जाएगा।
स्वतंत्रता दिवस की गिनती एक साल 15 अगस्त 1948 से करते है तो इस साल का स्वतंत्रता दिवस 76वीं वर्षगांठ मनाएगा। लालकिले पर देश के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं। आपको बता दें कि 'स्वतंत्रता दिवस' के दिन लालकिले पर देश के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं और इसको फहराने का तरीका भी अलग होता है। ध्वजारोहण यानी कि Flag Hoisting। दरअसल, 15 अगस्त को जो झंडा फहराया जाता है, उसे 'ध्वजारोहण' यानी कि Flag Hoisting कहा जाता है और इसे पहले ऊपर की ओर खींच जाता है और फिर फहराया जाता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसी दिन अंग्रेजों ने अपना झंडा उतारकर हमारे 'तिरंगे' को ऊपर चढ़ाया था।
गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा था राष्ट्रगान
गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने राष्ट्रगान ने लिखा था और स्वतंत्रता दिवस से जुड़े सारे कार्यक्रम लाल किले पर आयोजित किए जाते हैं। आपको बता दें कि तिरंगा' फहराने के बाद 'राष्ट्रगान' होता है। जिसे को 'गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर' ने लिखा था और इसकी अवधि 52 सेकंड है।इसके बाद देश के पीएम लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
क्या होता है राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का अर्थ
1. केसरिया (ऊपर की पट्टी):
इस रंग का अर्थ है साहस, बलिदान और त्याग की भावना का प्रतीक माना जाता है जो राष्ट्र के कल्याण के लिए बलिदान देने और भारतीयों की जीवंतता और गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है।
2. सफेद (मध्य पट्टी):
सफेद पट्टी के रंग का अर्थ पवित्रता, शांति और सच्चाई का प्रतीक माना जाता है जो यह सत्य और अहिंसा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसा कि महात्मा गांधी ने वकालत की थी, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
3. हरा (निचली पट्टी):
हरा रंग उर्वरता, विकास और शुभता का प्रतीक माना जाता है यह भारत की भूमि की समृद्धि और कृषि विरासत का प्रतिनिधित्व करता है।
4. अशोक चक्र:
सफेद पट्टी के केंद्र में अशोक चक्र है, जिसे प्राचीन भारत के सम्राट अशोक की राजधानी सरनाथ के स्तंभ से लिया गया है, इसमें 24 तीलियां हैं और यह सत्य, धार्मिकता और प्रगति की निरंतर खोज का प्रतिनिधित्व करती है। इसमें अशोक चक्र गति के विचार का भी प्रतीक माना जाता है, जो एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने की भारत की इच्छा को दर्शाता है।