Lucknow Desk : राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने राज्य में प्रतिबंधित सीपीआई की गतिविधियों को फिर से शुरू करने के प्रयासों को नाकाम करने के लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश में आठ स्थानों पर छापेमारी की थी। यह सर्च ऑपरेशन सुलेमसराय में भी चलाया गया। एनआईए की टीम ने सीमा आजाद और उनके पति विश्वविजय से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की और नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के लिए 12 व 14 सितंबर को लखनऊ दफ्तर बुलाया है।
ये छापेमारी प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आजमगढ़ जिलों में की गई थी। छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क, नक्सली साहित्य, किताबें व पर्चे, पॉकेट डायरी और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे।
एनआईए के सर्च ऑपरेशन से शहर में खलबली मची रही। कुछ लोगों ने कार्रवाई का विरोध भी जताया है। सीमा आजाद, उनके पति विश्वजीत, भाई मनीष, रितेश विद्यार्थी और उसकी पत्नी को नोटिस देकर 14 सितंबर को बयान देने के लिए एनआईए ने लखनऊ कार्यालय बुलाया है।
सूत्रों का कहना है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले कुछ नक्सलियों के मूवमेंट से जुड़ा इनपुट केंद्रीय जांच एजेंसी को मिला था। इसके बाद सोमवार रात एनआईए की टीम ने शहर में डेरा डाल दिया था।
पिछले महीने बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था, जिनकी पत्नी का नाम इस मामले से संबंधित एफआईआर में है। प्रवक्ता ने कहा कि रोहित विद्यार्थी से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस को मिश्रा को गिरफ्तार करना पड़ा, जो सीपीआई के एनआरबी का प्रभारी भी था। उन्होंने कहा कि इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने हथियार और गोला-बारूद जब्त किया और एक बंदूक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
मामले के संबंध में एनआईए द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में पहले आरोपी मनीष आजाद, उनकी पत्नी अमिता शिरीन और रितेश विद्यार्थी व उनकी पत्नी सोनी आजाद के साथ उनके सहयोगियों विश्वविजय और उनकी पत्नी सीमा आजाद, कृपा शंकर, आकांक्षा आजाद और राजेश का नाम शामिल था। प्रवक्ता ने कहा कि आजाद कुछ प्रमुख आरोपियों के रूप में सीपीआई के खुद को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।