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Aditya-L1 Mission: सूर्य मिशन Aditya-L1 ने खींची सेल्फी, धरती और चांद दिखे एक साथ

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO द्वारा लॉन्च किया गया सूर्य मिशन Aditya-L1 अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। इस बीच सूर्य-पृथ्वी L1 प्वाइंट के लिए जाने वाला  Aditya-L1 ने पृथ्वी और चंद्रमा की सेल्फी और तस्वीरें भी ली हैं। इस बात की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दी।  दरअसल, सूर्य मिशन को इसे धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर L1 प्वाइंट में स्थापित होना है।

ISRO ने शेयर की वीडियो

ISRO  ने सूर्य मिशन की एक वीडियो शेयर किया गया है। इसमें Aditya-L1 के हिस्सों को देखा जा सकता है। इसके साथ ही अंतरिक्ष से धरती किस तरह दिखती है यह भी वीडियो में आप देख सकते हैं। वीडियो का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वह है जिसमें धरती और चांद एक ही फ्रेम में नजर आ रहे हैं।

Aditya-L1 को यात्रा पूरी करने में लगेगा 125 दिन

गौरतलब है कि Aditya-L1 भारत का पहला सौर मिशन है। इसे 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से PSLV-C57 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था। PSLV-C57 ने आदित्य एल-1 को लो अर्थ ऑर्बिट (कम ऊंचाई वाली कक्षा जहां से यान धरती के चक्कर लगाता है) में पहुंचाया था।

इसके बाद Aditya-L1 ने दो बार सफलतापूर्वक ऑर्बिटर मनुवर किया है। इससे आदित्य एल-1 की कक्षा अंडाकार हुई है। इस तरह Aditya-L1 धरती से दूर और सूर्य के करीब जा रहा है। आदित्य एल-1 दो और ऑर्बिटर मनुवर करेगा इसके बाद लैग्रेंज बिंदु L1 की ओर बढ़ेगा। लॉन्च होने के बाद से एल1 बिंदु तक पहुंचन में आदित्य एल1 को 125 दिन लगने वाले हैं।

Aditya-L1 का मुख्य उद्देश्य

ISRO के अनुसार Aditya-L1 मिशन को सूर्य के ऊपरी वायुमंडल (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) के साथ सौर हवा के साथ इसके संबंधों का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य सौर वातावरण में मौजूद आयनित प्लाज्मा की भौतिकी का अध्ययन करना है। अंतरिक्ष यान उन तंत्रों की जांच करेगा जो सौर कोरोना को गर्म करते हैं।

मंगलवार को ISRO ने किया था ट्वीट

बता दे कि इससे पहले Aditya-L1 ने मंगलवार को पृथ्वी की कक्षा से संबंधित दूसरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की थी। ISRO ने कहा था, “पृथ्वी की कक्षा से संबंधित दूसरी प्रक्रिया (ईबीएन2) आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक निष्पादित की गई। मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में आईएसटीआरएसी/इसरो के केंद्रों ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की। प्राप्त की गई नयी कक्षा 282 किलोमीटर x 40225 किलोमीटर है।वहीं, ISRO के अनुसार, Aditya-L1 की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया 10 सितंबर को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग ढाई बजे निर्धारित है।


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