Warm Winters

Warm Winters: इस बार ठंड से ज्यादा गर्मी का एहसास, WMO की रिपोर्ट ने डराया

Lucknow Desk: देश में ठंड का मौसम शुरु हो गया है। इसी क्रम में मौसम विभाग ने एक भविष्यवाणी की है। भविष्यवाणी ये है कि अगले कुछ महिनों में सर्दियां कम पड़ेगी यानी न्यूनतम तापमान औसस से ज्यादा रहेगा। मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक डॉ मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि इस बार ठंड कम पड़ेगी।

दरअसल, इस साल का अगस्त, सितंबर और नवंबर माह 1901 के बाद का अब तक सबसे गर्म माह रहा है। इस साल दिसंबर से अगले साल फरवरी के बीच, मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है। बाकि देश में सामान्य से ऊपर रहने की आशंका है।

देश के कई राज्यों में बारिश के आसार

मौसम विभाग के अनुसार, देश के कई राज्यों में बारिश के भी आसार है। बता दे कि तमिलनाडु, पुडुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और माहे, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, यानी भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में दिसंबर में सामान्य बारिश हो सकती है। उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्सों, मध्य और पूर्वी भारत के निकटवर्ती क्षेत्रों और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। पूर्वोत्तर के कई हिस्सों, उत्तरी प्रायद्वीप और देश के मध्य हिस्से के आसपास सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है।

WMO ने बताया क्यों बढ़ी गर्मी

विश्व मौसम विज्ञान संगठन यानी WMO ने दुबई में चल रहे COP28 Climate Summit में डराने वाली रिपोर्ट अनुसार, 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म साल रहा है। इसकी वजह से दुनिया भर में अलग-अलग स्थानों पर प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। समुद्री जलस्तर और उसका तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसा क्यों हुआ?

प्रो. पेटेरी टालस ने बताया कि समुद्री जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अंटार्कटिका की समुद्री बर्फ तेजी से पिघल रही है। समुद्री जलस्तर 2013-2022 के बीच 1993-2002 की तुलना में दोगुना तेजी से बढ़ा है। अंटार्कटिक में 10 लाख वर्ग किलोमीटर बर्फ पिघल रहे है।  इन बदलावों की वजह से अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह की आपदाएं आ रही हैं। मौसम तेजी से बदल रहा है। WMO ने स्पष्ट किया है कि 2023 ऑन रिकॉर्ड सबसे गर्म रहा है। यह पिछले 170 सालों में 1.40 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा है। इससे पहले 2020 और 2016 को सबसे गर्म कहा गया था।

इसकी वजह El Nino है। यह साल 2023 में उत्तरी गोलार्ध में तेजी से उभरा और गर्मियों तक फैल गया है। यह अगले साल भी यानी 2024 में भी गर्मी बढ़ाएगा। इसकी वजह से पूरी धरती के तापमान में इजाफा हो रहा है।

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