Elon Musk

Elon Musk : क्या वजह थी जो मस्क ने ट्विटर से पराग अग्रवाल को दिखाया था बाहर का रास्ता , जानें पूरा किस्सा

Lucknow Desk : जब से एलन मस्क ने ट्विटर की कमान संभाली है। तबसे कुछ ना कुछ हो ही रहा है। कही वो लोगों बदलते तो कहीं कही वो ट्विटर का नाम बदलते है। इन सब की वजह से वो चर्चे में रहते है। बताते चले की पिछले साल ट्विटर की कमान संभालते ही सीईओ पराग अग्रवाल को बर्खास्त कर दिया था। अब इस बर्खास्तगी से जुड़ी कुछ बातें सामने आई हैं। हाल ही में, एक नई किताब में खुलासा किया गया है कि मस्क ने अग्रवाल को नौकरी से इसलिए निकाला था, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह आग उगलने वाले ड्रैगन नहीं थे।

बताते चले की पुस्तक में पिछले साल मार्च में हुई एलन मस्क और पराग अग्रवाल की मुलाकात के विषय में बताया गया है। 14 अप्रैल को मस्क ने कंपनी को खरीदने के लिए ट्विटर को एक प्रस्ताव दिया था। बाद में 27 अक्टूबर को 44 अरब डॉलर में सौदा तय हुआ था। पुस्तक के अनुसार दोनों की मुलाकात के दौरान एलन मस्क ने बताया था कि पराग अग्रवाल में क्या कमी थी।

पिछले साल हुई थी मुलाकात 

इसमें पिछले साल मार्च में एलन मस्क और पराग अग्रवाल की मुलाकात के बारे में बताया गया है। इस मुलाकात के दौरान एलन मस्क ने बताया था कि पराग अग्रवाल में क्या कमी थी। इस मुलाकात से कुछ दिन पहले 14 अप्रैल को मस्क ने कंपनी को खरीदने के लिए ट्विटर को एक प्रस्ताव दिया था। बाद में 27 अक्टूबर को 44 अरब डॉलर में सौदा तय हुआ था। 

क्या कमी थी पराग में

जानकारी के मुताबिक , इस बैठक को लेकर किताब में बताया गया है कि मस्क ने तत्कालीन ट्विटर सीईओ से मुलाकात करने के बाद कहा कि वह वास्तव में बहुत अच्छे हैं, लेकिन उसमें एक कमी के चलते उन्हें बतौर मैनेजर पसंद नहीं किया जा सकता है। ट्विटर को आग उगलने वाले ड्रैगन की जरूरत है और पराग में वह बात नहीं है। कंपनी के तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष ब्रेट टेलर तीसरे व्यक्ति थे जो इस बैठक में शामिल हुए थे।

मस्क संभाल रहे ट्विटर की कमान 

वर्त्तमान में मस्क ने इस साल 13 अप्रैल को ट्विटर के अधिग्रहण का एलान किया था। उन्होंने 54.2 डॉलर प्रति शेयर की दर से 44 अरब डॉलर में इस करार का प्रस्ताव दिया था। पराग अग्रवाल को निशकाशित करने के बाद मस्क ने खुद सीईओ का पद संभाला। इसके बाद जून में लिंडा याकारिनो को इस पद पर नियुक्त किया गया था। वह मौजूदा मुख्य कार्यकारी हैं। इसके अलावा, जुलाई में सैन फ्रांसिस्को मुख्यालय वाली कंपनी का नाम बदलकर एक्स कॉर्प कर दिया गया है।


 


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