
Chandrayaan 3 ने भेजीं चांद की बेहद नजदीकी तस्वीरें
Chandrayaan 3 ने भेजीं चांद की बेहद नजदीकी तस्वीरें, दो दिन बाद होगी चांद पर लैंडिंग
नई दिल्ली: चंद्रयान-3 इस समय चांद के बेहद करीब है। भारत का चंद्रयान-3 मिशन इस बार इतिहास रचने में कुछ ही कदम दूर है। चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है और ये 23 अगस्त को सेफ लैंडिंग करेगा। इसके दो दिन पहले लैंडर ने चांद की बेहद नजदीकी तस्वीरें भेजी हैं।
बता दे कि चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से पहले लैंडर हैज़र्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (LHDAC) के माध्यम से ये तस्वीरें खींची है। ये तस्वीरें चांद की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर उस जगह की हैं, जहां पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग होने वाली है।
कितनी दूरी पर है Chandrayaan 3
दरअसल, देश में अब तक कोई भी चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर नहीं पहुंच पाया है। इसी उद्देश्य के साथ ISRO ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था। चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से अब महज 25 से 150 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा है।
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर सफलतापूर्वक हो चुका है। अब केवल 23 अगस्त का इंतजार है, जब चांद की सतह पर लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रचेगा। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले अमेरिका, चीन और रूस के साथ भारत चौथा देश बन जाएगा।
Chandrayaan 3 के सॉफ्ट लैंडिंग की ISRO ने दी जानकारी
ISRO ने रविवार 20 अगस्त को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो जारी कर 23 अगस्त को चांद पर चंद्रयान के सॉफ्ट लैंडिंग करने की जानकारी दी है। वहीं सोमवार 21 अगस्त को इसरो ने कुछ तस्वीरे भी शेयर की है। इन तस्वीरों में इसरो ने लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड अवॉएडेंस कैमरा से ली गई चांद के सुदूर भागों की तस्वीरों को दिखाया गया है।
इस कैमरा को SAC/ISRO https://sac.gov.in पर विकसित किया गया है। यह चंद्रयान के चांद की सतह पर उतरने और गहरी खाईयों का पता लगाने में मदद करता है।
दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा Chandrayaan 3
चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को शाम करीब 6:04 बजे (भारतीय समयानुसार) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की उम्मीद है। रविवार की सुबह मिशन का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन (रफ्तार कम करने की प्रक्रिया) सफलतापूर्वक पूरा किया गया था।
चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक केवल अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के मिशन ही चांद पर सफलतापूर्वक उतर चुके हैं।