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One Nation-One Election पर बोले कुरैशी, कहा- लोगों पर नहीं थोपें

Lucknow Desk: केंद्र सरकार की मांग है कि देश में वन नेशन-वन इलेक्शन पर चुनाव हो। इसी क्रम में वन नेशन-वन इलेक्शन पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने निशाना साधा है। एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाएं तलाशे जाने के बीच कुरैशी ने कहा कि अगर एक साथ चुनाव कराने पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वसम्मति नहीं बनती है तो इसे लोगों पर थोपा नहीं जाना चाहिए।

वहीं कुरैशी ने यह भी उम्मीद जताई कि वर्तमान चुनाव आयुक्त आगामी चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में सख्ती से कार्रवाई करेंगे।

नई किताब इंडियाज एक्सपेरिमेंट विद डेमोक्रेसी पर बोले कुरैशी

कुरैशी ने अपनी नई किताब इंडियाज एक्सपेरिमेंट विद डेमोक्रेसी: द लाइफ ऑफ ए नेशन थ्रू इट्स इलेक्शन्सपर कहा कि कोई पार्टियों द्वारा मुफ्त की सौगातों का वादा करने में कानूनी तौर पर खामी नहीं तलाश सकता। साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस प्रथा को खत्म नहीं करा सका। बताया जा रहा है कि कुरैशी की किताब भारत में चुनावों के इतिहास, प्रक्रियाओं और राजनीति पर गहराई से प्रकाश डालती है।

चुनाव पर बोले कुरैशी

उन्होंने राजनीतिक फंडिंग के साधन के रूप में चुनावी बांड के इस्तेमाल किए जाने पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इसने धन देने की पूरी प्रक्रिया को पूरी तरह गैर पारदर्शी बना दिया है।

आगे कुरैशी ने कहा  कि साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पहले भाषण में कहा था कि जब तक दलों को धन देने की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं होगी, तब तक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। यह बिल्कुल सही बात है। हम भी यही कहते आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जेटली की एक और बात सही थी कि पिछले 70वर्षों में पार्टियों को धन देने में पारदर्शिता नहीं ला पाए। जुलाई 2010 से जून 2012 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे कुरैशी ने कहा कि मैंने सोचा था जेटली आगे यह कहेंगे की हम पारदर्शिता लागू करने जा रहे, लेकिन उन्होंने चुनावी बांड पेश करके थोड़ी बहुत बची पारदर्शिता भी खत्म कर दी।


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