Toshakhana Case

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान तोशाखाना मामले में हुए गिरफ्तार, जानें क्या है तोशाखाना मामला

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया है। इस मामले अदालत ने इमरान खान को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा अदालत ने खान पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया गया है। जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ 9 अगस्त को संसद भंग कर देंगे, जिसके बाद 90 दिनों के अंदर पाकिस्तान आम चुनाव करा दिए जाएंगे।

5 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते है इमरान खान

बता दे कि इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें कोर्ट ने तोशाखाना केस में 3 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, इमरान को  उनके जमां पार्क स्थित घर से गिरफ्तार  किया गया है। कोर्ट के फैसले के बाद इमरान के राजनीतिक करियर पर संकट आ गया है। वो अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान का माहौल गरमा हो गया है।

कोर्ट ने तोशाखाना मामले में राहत से किया था इंकार

दरअसल, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने तोशाखाना मामले में राहत की मांग करने वाली इमरान खान की याचिका खारिज कर दी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी प्रमुख इमरान पर तोशाखाना से अपने पास रखे उपहारों का विवरण 'जानबूझकर छिपाने' का आरोप लगा था। कोर्ट में आरोप साबित होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।

इससे पहले भी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मामले में राहत से इनकार किए जाने के बाद इमरान ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया थ। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले साल 21 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। मई में एक ट्रायल कोर्ट ने मामले में कार्रवाई को चुनौती देने वाली खान की याचिका खारिज कर दिया था और PTI प्रमुख को दोषी ठहराया था।

जानें क्या है तोशाखाना मामला?

दरअसल, पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है। पाकिस्तान कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

जब इमरान खान प्रधानमंत्री के रुप में 2018 में सत्ता में आए थे तब इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

मिली जानकारी के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।


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