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Shubhman Gill news: गिल से छिन जाएगी कप्तानी! 2 बड़े कारण आएं सामने!

रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम इण्डिया आईपीएल के ठीक बाद 20 जून से इंग्लैण्ड दौरे की शुरुवात करेगी। जिसके लिए फैंस नई टीम और नए कप्तान का बेसब्री से इंताजर कर रहे थे। हालांकि बहुत सारी मीडिया रिपोर्टस ने पहले ही ये बता दिया था कि शुभमन गिल ही भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान होंगे। पर फिर भी फैंस को खबर के ऑफिशियल हो जाने का इंतजार था। जो कि कल चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेस करके आधिकारिक कर दिया। जहां पर शुभमन को कप्तानी सौंप दी गई है। साथ ही ऋषभ पंत को उपकप्तानी की जिम्मेदारी दी गई है।

क्या छिन भी सकती है कप्तानी ?

अब जब गिल को कप्तानी दे दी गई है तो सवाल ये उठता है कि क्या गिल से दोबारा कप्तानी छीनी भी जा सकती है? तो देखिए इस पर अभी किसी भी तरह का कोई आधिकारिक बयान नहीं है। पर कुछ चीजें है जो शुभमन गिल के फैंस को डरा सकती हैं। जी हां जिसमें सबसे पहला उनके सामने जो इम्तेहान है वो अगली सीरीज है जहां पर उन्हें इंग्लैण्ड के घर पर जाकर खेलना है और वहां पर अपनी  कप्तानी साबित करनी है। जो सबसे कठिन परिक्षा होगी वो भी तब जब वो बतौर बल्लेबाज अपनी बल्लेबाजी इंग्लैण्ड की परिस्थितियों में खुद को ढालने की सोच रहे होंगे।

SENA देशों में नहीं छोड़ पाए हैं छाप

आपको बताते चलें कि शुभमन गिल का प्रदर्शन बतौर बल्लेबाज सेना देशों में कुछ खास नहीं रहा है। जिसमें न्यूजीलैण्ड के खिलाफ न्यूजीलैण्ड में तो गिल खेलें ही नही हैं। पर बचे तीन देशों के खिलाफ नजर डालें तो, ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तो 6 मैचों की 11 पारियों वो 35.20 शुन्य की औसत से उन्होंने 352 रन बनाए हैं। इसके अलावा बात करें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तो ये प्रदर्शन और भी साधारण हो जाता है जहां पर वो 2 मैचों की 4 पारियों में महज 18.50 की औसत से सिर्फ 74 रन बना पाए हैं। तो वहीं इंग्लैण्ड की स्विंग में उनका प्रदर्शन बिल्कुल औसत दर्जे का रहा है जहां पर 3 मैचों की 6 पारियों में वो सिर्फ 88 रन बना पाए हैं। जिसमें उनका औसत महज 14.66 का रहा है। जो साफ दर्शा रहा है कि गिल को अभी सेना देशों में खुद को साबित करना है बतौर बल्लेबाज नहीं तो चीजें उनके लिए खराब हो सकती हैं। खैर उनके लिए अच्छी चीज ये है कि उन्होंने भारत की सरजमी पर रन लगातार रन बनाए हैं। यहीं कारण है कि टेस्ट में उनकी औसत 35 से ऊपर रही है। नहीं तो इसमें और गिरावट दिखाई दे सकती थी।

ये हो सकता है पहला कारण

तो बहरहाल ये तो गिल के आंकड़ो कि बात पर अब अगर कप्तानी वाले मुद्दे पर आएं तो देखिए हम सभी को पता है कि पिछली बॉर्डर गावास्कर सीरीज में जब रोहित शर्मा ने टीम में वापसी कि थी तो गिल को ही बाहर बैठना पड़ा था तो ऐसे में साफ नजर आता है कि गिल अभी टेस्ट मैंचो में अपनी काबिलियत के साथ न्याय नहीं कर पाए हैं। तो अगर अब इंग्लैण्ड में भी उनका प्रदर्शन सही नहीं रहा तो उनके ऊपर तलवार लटक सकती है। क्योंकि हमने हमेशा देखा है कि इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया जैसे दौरों पर अगर टीम इण्डिया हार कर आती है तो अक्सर बड़े फैसले लिए जाते हैं। तो ऐसे में गिल के सामने अपनी कप्तानी के साथ बल्लेबाजी में भी जौहर दिखाने की जरूरत होगी। नहीं तो आगे कप्तानी में उनका भविष्य क्या होगा किसी को नहीं पता है।

ये हो सकता है दूसरा कारण

दूसरे काऱण कि तरफ नजर डालें तो गिल के कंधो पर ये भी जिम्मेदारी होगी कि वो खुद तो बेहतर प्रदर्शन करें साथ ही दूसरे खिलाड़ियों से कैसे बेहतर निकलवा सकें क्योंकि कप्तानी में सिर्फ आपको अपने रन नहीं बनाने होते हैं। उनमें आपको दूसरे खिलाड़ियो को कैसे और कहां पर यूज करना है। जिससे कि वो भी अपना बेस्ट दे पांए और फिर आखिर में वो टीम हित में काम आए और टीम जीत सके। क्योंकि आप अकेले टेस्ट मैचों में टीम को जीत नहीं दिला सकते तो ऐसे में इन सभी जिम्मेदारियों से होकर गिल को गुजरना होगा और हां बताते चलें कि ये जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है जब आपके सामने एक आधी टीम लगभग नई खड़ी हो जिनके साथ आप नेशनल टीम के लिए पहली बार खेलने जा रहे हो तो ऐसे में देखना दिलचस्प होगी कि गिल अब क्या प्लानिंग करते हैं। और किस तरह से टीम इण्डिया को आगे ले जाते है। साथ ही सबसे बड़ी बात लंबे समय तक टीम इण्डिया की कप्तानी कर पाते हैं या फिर इन सभी कारणों के चलते जो हमने आपको बताएं उनके दबाव में फंस कर आधे रास्ते से लौट आते हैं। खैर क्या होता है क्या नहीं वो तो देखना होगा पर एक बात तो तय है कि गिल की कप्तानी पर अगले 5 टेस्ट मैचों पर सबकी निगाहें तो जरूर होंगी।

अंत में बताते चलें कि भारतीय चयनकर्ताओं ने इंग्लैण्ड के खिलाफ श्रंखला के लिए कुल 18 सदस्य स्कॉवड का ऐलान किया है। जिसमें श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल को गजह नहीं मिली है। तो वहीं शार्दूल ठाकुर के रणजी ट्रॉफी के प्रदर्शन को देखते हुए उनकी टीम में वापसी हुई है। साथ ही कई नए खिलाड़ियों को मौका मिला है।

18 सदस्य भारतीय स्कॉवड : शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, ऋषभ पंत (उप-कप्तान/विकेटकीपर), नीतीश कुमार रेड्डी, रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), अभिमन्यु ईश्वरन, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, करुण नायर, वॉशिंगटन सुंदर, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव>


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