ऑनर किलिंग

Bihar News: ऑनर किलिंग से बिहार में पसरा सन्नाटा, जानिए पूरा मामला

Bihar News:  ‘ऑनर किलिंगकिसी तथाकथित गौरव के लिए की गई वो हत्याएं हैं जिसका सामना ज्यादातर महिलाओं को करना पड़ता है। इनकी पहचान कर पाना बहुत मुश्किल काम होता है, क्योंकि कई बार संपत्ति के मामलों में भी हत्याएं ऐसे ही बहाने बना कर की जाती हैं इसलिए अगर किसी समाज में इनकी गिनती ढूँढ़ने की कोशिश करें तो मुश्किल होगा। कई बार परिवार इन्हें आत्महत्या और दुर्घटनाओं के रूप में भी प्रस्तुत करने में सफल हो जाता है। वहीं हमारे समाज में आये दिन किसी न किसी को इस हैवानियत से गुज़ारना पड़ता है। कभी स्वाभिमान के नाम पर , तो कभी प्यार को बेशर्मी का नाम देकर ऑनर किलिंगको अंजाम दिया जाता है|

क्या है पूरा मामला ?

अब कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है बिहार के दरभंगा से। दरअसल, जिले के कमतौल थाना क्षेत्र के मंगरथू गांव में पुआल की ढेर में एक अधजली लड़की का शव पाया गया है जिसका नाम कंचन कुमारी था जो महज़ 15 वर्ष की थी। कंचन जली नहीं जलाई गई थी। इस दर्दनाक घटना को अंजाम किसी और ने नहीं खुद उस बच्ची को जन्म देने वाले पिता ने अपने पिता यानी उस बच्ची के दादा ने साथ मिलकर दिया है। पिता ने अपने जिगर के टुकड़े को पहले कई टुकड़ों में काटा डाला, फिर बोरे में बंद कर पुआल के ढेर में रखकर आग लगा दी।

घटना के संबंध में मृतक बच्ची के पिता श्याम दास ने बताया कि कैसे उसने अपने जिगर के दुकड़े को कई टुकड़ों में काटा? श्याम दास ने बताया कि पहले उसने कंचन की गला दबाकर हत्या की, फिर कुल्हाड़ी से उसके दोनों हाथ और दोनों पैरों को काट दिया। उसके बाद शव को एक बोरे में बांधकर छिपाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाने पर प्लान चेंज किया। घर से कुछ दूर स्थित चूल्हाई महतो के खेत में रखे पुआल के नीचे शव को रख दिया और उसमें आग लगा दी।

मामले का खुलासा करते हुए दरभंगा के सिटी एसपी शुभम आर्य ने इसे ऑनर किलिंग का मामला बताते हुए कहा कि इस घटना में तीन आरोपियों को, जिसमें मृतका के पिता श्याम दास, दादा उमेश दास और शत्रुघ्न दास को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों के पास से घटना में लड़की के शव को काटने में उपयोग की गई कुल्हाड़ी और लोहे के रॉड को जब्त किया गया है।

इस हैवानियत का कारण क्या था ?

दरअसल, इस घटना के मुख्य आरोपी कंचन के पिता श्याम दास ने बताया कि उसकी छह बेटी और एक बेटा है, जिसमें कंचन सबसे बड़ी थी। वह मोबइल फोन से हमेशा किसी से बातचीत किया करती थी, जिसके लिए हम लोग उसे हमेशा समझाया करते थे, लेकिन वो घरवालों की बात को अनसुना कर रही थी। इसी बात से नाराज होकर हम लोगों ने ये कदम उठाया। वही बता दे कि इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तारी कर लिया है। वही, तीनों आरोपियों ने भी घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।

वहीं अब सवाल ये उठता है कि पुलिस प्रशासन इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कोई सख्त कदम क्यों नही उठती है ? क्या इस तरह की हैवानियत करना हमारे देश के लिए या समाज के लिए सही है या ये एक शर्मनाक घटना है ?

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