Nobel Prize

Nobel Prize : ईरान ने महसा अमीनी के परिजनों की यात्रा पर लगाया प्रतिबंध, मंच से पढ़ा जेल में बंद मां का संदेश

Lucknow Desk : नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में ईरान के खिलाफ संदेश दिया गया। सितंबर में महसा अमीनी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यूरोपीय संघ का यह पुरस्कार 1988 में मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करने वाले व्यक्तियों या समूहों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया था। यह मानवाधिकार कार्यों के लिए यूरोपीय संघ द्वारा दी गई सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है।

तालियां बजाकर किया स्वागत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मदी (51) ईरान की एविन जेल में कैद हैं। इस वजह से उनके जुड़वा बच्चों कियाना रहमानी (17) और अली रहमानी (17) ने अपनी मां की ओर से पदक ग्रहण किया और जेल में बंद मां द्वारा ही तैयार किया गया भाषण पढ़ा। बता दें, जब दोनों बच्चे पदक स्वीकार करने मंच की ओर बढ़ रहे थे, तब वहां मौजूद सभी लोग खड़े हो गए और तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। 

अब भी ईरान की शक्तिशाली आवाज
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ईरानी जेल में बंद होने के बाद भी मोहम्मदी एक शक्तिशाली आवाज है। उन्हें ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पिछले साल ईरान में ठीक से हिजाब न पहनने के कारण काफी बवाल हुआ था और यह विवाद इतना बढ़ा कि सैकड़ों लोेगों की प्रदर्शन में मौत हो गई।


 


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