
Banke Bihari Mandir : बांकेबिहारी मंदिर में रात 1.55 बजे हुई मंगला आरती , दर्शन को भक्तों ने डाला डेरा
Lucknow Desk : श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर में तय समय से करीब आधा घंटे पहले मंदिर के पट बंद कर दिए, लेकिन भक्तों ने मंदिर के बाहर डेरा डाल लिया। बांकेबिहारी मंदिर में रात 12 बजते ही कान्हा के जन्म की बधाइयां गूंज उठी। सेवायतों ने ठाकुर जी का पंचामृत महाअभिषेक किया। इस दौरान अपने आराध्य को एक पल निहारने के लिए भक्तों में होड़ लगी रही। मंदिर परिसर के अंदर ही नहीं बाहर तक हजारों लोग कतारबद्ध थे और दर्शन का यह सिलसिला रात भर चला।
मंदिर में गोस्वामी समाज, सेवाधिकारी के यजमानों के अलावा अधिकारी ही मौजूद रहे। तय समय पर रात 1 बजकर 45 मिनट पर आराध्य के दर्शन खुले तो मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। नंद के आनंद भये, जय कन्हैया लाल की.. गाते हुए भक्त आराध्य के दर्शन का आनंदित हो रहे थे।
हालांकि, इस बार मंगला आरती के लिए सभी श्रद्धालुओं को मंदिर में एंट्री प्रतिबंधित है। केवल गोस्वामी समाज, सेवा अधिकारी के यजमान और वीआईपी ही मंदिर में मंगला आरती के दर्शन करेंगे। इससे पहले मंदिर में रात बारह बजे आराध्य का महाभिषेक हुआ।
प्रतिदिन नहीं होती मंगला आरती
ठा. बांके बिहारी मंदिर में परंपरा के अनुसार, दूसरे मंदिरों की तरह प्रतिदिन मंगला आरती नहीं होती। इसके पीछे के कारण पर मंदिर सेवायतों की मानें तो ठाकुर जी रात में दो बजे तक निधिवन राज मंदिर में राधारानी और ब्रज गोपियों संग नित रास रचाते हैं और रात दो बजे मंदिर पहुंचकर विश्राम करते हैं। इसलिए ठाकुरजी को विश्राम में बाधा उत्पन्न न हो, इसलिए आराध्य की मंगला आरती नहीं की जाती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मद्देनजर नगर में सुबह से ही भक्तों के आगमन का सिलसिला शुरू हो गया था। ऐसा लग रहा था मानों नगर की हर गली बांकेबिहारी मंदिर की ओर जार ही थी। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं के दल ठाकुरजी के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। मंदिर के आसपास की हर गली खचाखच भरी थी। प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, सप्त देवालय में भी भक्तों के उत्साह का यही आलम था। मंदिरों को आकर्षक विद्युत सजावटों, सुगंधित पुष्पों और लतापताओं से सजाया गया। हालांकि मुख्य आकर्षण का केंद्र बांकेबिहारी मंदिर रहा।