
Waqf Amendment Bill पर BSP सुप्रीमो Mayawati का अल्टीमेटम, बोलीं- वक्फ संशोधन बिल से हम सहमत नहीं...
Lucknow Desk: वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी लंबी चर्चा के बाद 128 वोटों के समर्थन से बिल पास हो गया है। इस विधेयक को लेकर जहां सत्ता पक्ष फायदे गिना रहा है तो वहीं विपक्षी दलों ने इस पर हमला बोला है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने वक्फ बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, तो वहीं BSP सुप्रीमो Mayawati ने भी वक्फ बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं।
बसपा सुप्रीमो क्या बोलीं?
BSP सुप्रीमो Mayawati ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि बिल को पास कराने में जल्दबाजी की गई है। वहीं BSP प्रमुख ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज को भरोसे में लेकर और उनके संदेह को दूर कर बिल लाया जाता तो बेहतर होता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस बिल का दुरुपयोग देखने को मिला तो BSP मुस्लिम समाज के साथ खड़ी दिखाई देगी।
सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
BSP सुप्रीमो ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, अगर संसद में वक़्फ संशोधन बिल पर सत्ता व विपक्ष को सुनने के बाद, निष्कार्ष यही निकलता है कि केन्द्र सरकार यदि जनता को इस बिल को समझने के लिए कुछ और समय दे देती तथा उनके सभी सन्देहों को भी दूर करके जब इस बिल को लाती तो यह बेहतर होता।
वहीं उन्होंने आगे लिखा, लेकिन दुःख की बात यह है कि सरकार ने इस बिल को बहुत जल्दबाज़ी में लाकर जो इसे पास कराया है यह उचित नहीं और अब इस बिल के पास हो जाने पर यदि सरकारें इसका दुरुपयोग करती हैं तो फिर पार्टी मुस्लिम समाज का पूरा साथ देगी अर्थात ऐसे में इस बिल से पार्टी सहमत नहीं है।
वक्फ बिल पर अखिलेश का सरकार पर हमला
बता दें, अखिलेश यादव ने वक्फ बिल को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने कि कहा, भाजपा नोटबंदी, जीएसटी, मंदी, महंगाई, बेरोज़गारी, बेकारी, भुखमरी, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास जैसी समस्याएं सुलझा नहीं पा रही है, इसीलिए ध्यान भटकाने के लिए वक़्फ़ बिल लायी है। सरकार गारंटी दे कि वक़्फ़ की ज़मीन कभी भी किसी भी पैंतरेबाज़ी से किसी और मक़सद के लिए किसी और को नहीं दी जाएगी।
उन्होंने आगे लिखा, वक़्फ़ बिल को लाना भाजपा का ‘सियासी हठ’ है। वक़्फ़ बिल भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति का एक नया रूप है। भाजपा वक़्फ़ बिल लाकर अपने उन समर्थकों का तुष्टीकरण करना चाहती है। भाजपा की निगाह वक़्फ़ की ज़मीनों पर है। वो इन ज़मीनों का नियंत्रण अपने हाथ में लेकर इन ज़मीनों को पिछले दरवाज़े से अपने लोगों के हाथों में दे देना चाहती है। वक़्फ़ बिल भाजपा की नकारात्मक राजनीति की एक निंदनीय साज़िश है।
भाजपावाले मुसलमान भाइयों की वक़्फ़ की ज़मीन चिन्हित करने की बात कर रहे हैं जिससे महाकुंभ में जो हिंदू मारे गये हैं या खो गये हैं उनको चिन्हित करने की बात पर पर्दा पड़ जाए। वक़्फ़ बिल के आने से पूरी दुनिया में एक गलत संदेश भी जाएगा। इससे देश की पंथ निरपेक्ष छवि को बहुत धक्का लगेगा। वक़्फ़ बिल भाजपा की नफ़रत की राजनीति का एक और अध्याय है। वक़्फ़ बिल भाजपा के लिए वाटरलू साबित होगा।
लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ बिल पास
बता दें, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे, तो वहीं राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 128 वोट और विपक्ष में 95 वोट डाले गए। इसके साथ ही बिल बहुमत से पास हो गया। बिल को मंजूरी के लिए अब राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद बिल कानून बन जाएगा।
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