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CID : CM चंद्रबाबू नायडू गिरफ्तार ,विजयवाड़ा जेल भेजने की तैयारी

Lucknow Desk : आंध्र प्रदेश के आपराधिक जांच विभाग ने टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया है। टीडीपी ने इस बारे में जानकारी दी है। भ्रष्टाचार के मामले में आपराधिक जांच विभाग  ने शनिवार  सुबह नायडू के खिलाफ कार्रवाई की। नायडू के खिलाफ 2021 में मामला दर्ज किया गया था। 

नायडू को सुबह तड़के नांदयाल से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे शहर के आरके फंक्शन हाल स्थित अपने कैंप में आराम कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार करने नांदयाल रेंज के डीआईजी रघुरामी रेड्डी और सीआईडी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स पहुंची थी। 

टीडीपी ने इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया। वहीं टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू के वकील का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर और सुगर का पता चलने के बाद सीआईडी चंद्रबाबू को मेडिकल जांच के लिए ले गई है। हम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। बताया गया कि चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी ने शनिवार को कौशल विकास घोटाला मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया। नायडू के खिलाफ लगाई गई धाराएं गैर-जमानती हैं। इस मामले में एफआईआर 2021 में दर्ज की गई थी। 

जानकारी के मुताबिक,  दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 50(1)(2) के तहत जारी नोटिस के अनुसार नायडू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120(8), 166, 167, 418, 420, 465, 468, 471, 409, 201, 109आरडब्ल्यू और 37 के तहत गिरफ्तार किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि यह गैर जमानती अपराध है। इस मामले में अब केवल अदालत  द्वारा ही जमानत मिल सकती है। 

क्या है मामला?

चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट स्कैम मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। इस घोटाले में सैकड़ों करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।  2016 में टीडीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाने के उद्देश्य से एपीएसएसडीसी की स्थापना की गई थी। 

आंध्र प्रदेश सीईडी की तरफ से दर्ज एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत कथित घोटाले की जांच कर रहा है।  आरोप है कि मेसर्स डीटीएसपीएल, इसके निदेश और अन्य ने शेल कंपनी की मदद से बहुस्तरीय लेनदेन कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।  फर्जीवाड़े के जरिए 370 करोड़ रुपये की धनराशि निकाल ली गई। 


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