Lucknow Desk: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर Supreme Court में बहस तेज़ हो गई है। इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार से अपना प्रारंभिक जवाब मांगा है। इसके लिए अदालत ने सात दिन का समय दिया है। अदालत ने साफ कहा कि जब तक जवाब नहीं आता है, तब तक अगली सुनवाई नहीं होगा। इसके साथ ही Waqf संपत्तियों की मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
Supreme Court ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश Sanjiv Khanna की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि कोर्ट कानून को स्थगित नहीं कर रहा है, लेकिन कोर्ट यह भी नहीं चाहता कि वर्तमान स्थिति में कोई बड़ा बदलाव हो। अदालत ने ये भी कहा कि, जैसी स्थिति है, वैसी ही बनी रहनी चाहिए, ताकि किसी पक्ष के अधिकार प्रभावित न हों। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी वक्फ संपत्ति का पंजीकरण 1995 के अधिनियम के तहत हुआ है या उसे ‘वक्फ बाय यूजर’ के रूप में अधिसूचित किया गया है, तो उसे न तो डिनोटिफाई किया जाएगा और न ही उसका स्थिति बदला जाएगा। वहीं केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी।
कोर्ट ने कानून पर क्यों नहीं रोक लगाई?
Supreme Court ने साफ कहा कि वो इस कानून पर कोई स्थगन (स्टे) नहीं लगा रहा है। लेकिन, उसने यह भी कहा कि स्थिति जैसी है वैसी ही रहनी चाहिए ताकि किसी पक्ष के अधिकार या स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़े।
सरकार की दलील क्या थी?
वहीं सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से आग्रह किए कि इस मामले में गंभीरता से विचार करना जरूरी है, क्योंकि यह एक “सोच-समझकर बनाया गया कानून” है। जिससे लाखों प्रतिनिधियों और समूहों की राय के आधार पर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि याचिकाएं राष्ट्रपति की मंजूरी से पहले ही दाखिल कर दी गई थीं। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि बिना पूरी सुनवाई के कोई कड़ा आदेश पारित नहीं किया जाए।
सुनवाई के बाद Imran Pratapgarhi का बयान
वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद Supreme Court की टिप्पणियों पर कांग्रेस नेता Imran Pratapgarhi ने कहा, "अंतरिम राहत के लिए मैं Supreme Court का शुक्रगुजार हूं। कोर्ट ने लगभग वे सभी मुद्दे उठाए जो हमने संसद में उठाए थे। आज के फैसले से पता चलता है कि यह कानून संविधान के खिलाफ बनाया गया है। यह संविधान की जीत है, किसी पक्ष की नहीं। आने वाले दिनों में कोर्ट और राहत देगा और सरकार की जमीन हड़पने की साजिश को रोकेगा।"
वक्फ एक्ट पर Asaduddin Owaisi ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट की सुनवाई पर AIMIM सांसद Asaduddin Owaisi ने कहा, "हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं। कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ काउंसिल का गठन नहीं किया जाएगा और 'वक्फ बाय यूजर' को हटाया नहीं जा सकता। जेपीसी की चर्चा के दौरान मैंने सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों का विरोध करते हुए एक रिपोर्ट दी थी और बिल पर बहस के दौरान मैंने बिल को असंवैधानिक बताया था। इस एक्ट के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।"
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