
Swami Prasad Maurya ने क्यों कहा - हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि धोखा है, जानें क्या है पूरा मामला
Lucknow Desk: हिंदू धर्म पर विवादित बयान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक बार फिर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने दिल्ली के एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदू एक धोखा है। वेसै भी 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है। यह एक जीवन जीने की शैली है।
PM Modi और मोहन भागवत का भी जिक्र
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान दे सकते हैं तो भावनाएं आहत नहीं होतीं है, लेकिन यही बात स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में भूचाल मच आ जाता है।
जानिए किन-किन पर मौर्य ने दिए विवादित बयान
स्वामी प्रसाद मौर्य पहली बार ऐसा कोई विवादित बयान नहीं दिए है। इसे पहले भी इन्होंने मां लक्ष्मी और रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिए है। जिसके बाद से सुर्खियों में आए थे। बता दे कि बीते महीने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने माता लक्ष्मी पर विवादित बयान दिया था इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी चार हाथ वाले बच्चे पैदा नहीं होते तो माता लक्ष्मी कैसे हो गईं?
मौर्य इससे पहले हरदोई में हिंदू राष्ट्र के हिमायती और सवर्ण रहे। किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा था कि जिसको तुम हिंदू राष्ट्र बोलते हो वह भारत राष्ट्र शापित है। यह भारत कभी भी न हिंदू राष्ट्र था, न है और न रहेगा। इसीलिए हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले देशविरोधी हैं।
बिहार के एक मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए उन्होंने सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।
स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार धीरेंद्र शास्त्री पर भी हमला रह चुके है। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में मानस के एक अंश को उद्धृत करते हुए कहा था कि ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है। लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान नहीं कीजिए। मौर्य ने सवाल उठाया था कि क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो। आगे उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोलते हुए कहा था कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म को बेच रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री ढोंग फैला रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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