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Chhath Puja 2024

Chhath Mahaparv: आज है खरना, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व

Chhath Mahaparv: भारत ही नहीं पूरी दुनिया में छठ महापर्व की रौनक देखने को मिलती है। ये पर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला हिंदू पर्व है। इसमें भगवान सूर्य और छठी मैया की विधि-पूर्वक पूजा की जाती है। आज 6 नवंबर 2024 को छठ का दूसरा दिन है। आज पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को विधि- विधान से पूजा करने के बाद बखीर और गेहूं के आटे से बनी रोटी खाकर व्रत तोड़ती हैं।

खरना पूजा मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ के दूसरे दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर होगा। वहीं सूर्यास्त शाम 5 बजकर 30 मिनट पर होगा। इससे पहले सूर्य को अर्घ्य देकर खरना की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा खरना के दिन सुकर्मा योग सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक तत्पश्चात धृति योग रहेगा।

खरना पूजा विधि

बता दें, छठ के दूसरे दिन खरना करने के लिए व्रती पूजा स्थल की अच्छी तरह साफ- सफाई कर लें। इसके बाद स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। फिर शाम के समय सूर्यास्त से ठीक पहले भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। शाम के समय छठ मैया की पूजा के लिए मिट्टी के चूल्हे पर चावल, गुड़ और दूध का प्रयोग करके खीर बनाएं। इसके बाद बनाएं गए पकवान को पहले छठ माता को भोग लगाएं। अंत में व्रत करने वालों को प्रसाद अवश्य ग्रहण करना चाहिए।

खरना के नियम

छठ महापर्व के दौरान साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। प्रसाद को पवित्रता और शुद्धता के साथ ही तैयार करें। ये प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर पीतल के बर्तन में गुड़ की खीर तैयार की जाती है। इस दिन व्रत करने वाले लोग बिस्तर पर नहीं सोएं। जमीन पर चटाई बिछाकर सोए। इसके अलावा सूर्य को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन न करें।

खरना का महत्व

छठ महापर्व चार दिन का पर्व होता है। छठ पर्व के दूसरे दिन खरना होता है। मान्यता के अनुसार, खरना का अर्थ पवित्रता होता है। खरना छठ पूजा के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में एक है। ये व्रत शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए किया जाता है। खरना करने के बाद ही 36 घंटे के निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।


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